नंदनवन (मुंबई)। हमारी सालों सें ख्वाइश थी की हम सभी सखी भुवा, बचपन की सहेलिया एक साथ मिले और अपने बचपन में खो जायें, पुरानें दिनों की यादें ताजा करें और आखिर वो शुभ दिन आ ही गया, पूज्य प्रवर के गुरुदर्शन यात्रा निमित्त, आज हमारे लिए एक बहुत ही शुभ दिन था कि गजपुर की सभी बहन बेटियां जो अलग-अलग गांव में विवाहित थी, एक दूसरे का किसी से कोई संपर्क नहीं था या यूं कहूं कि कितनी ही दीदी लोग या भुआ है जिनको हम नहीं जानते कि किनकी बेटी है उनसे भी आज हमारा रूबरू परिचय हुआ । कब से मन मैं यह इच्छा थी की सबसे मिले।
लेकिन मिले कैसे? गुरु के सानिध्य जैसा स्थान और कोई हो ही नहीं सकता था तब सिर्फ एक मैसेज से सारी बहन बेटियां मिलने कों तैयार हो गई और आज के दिन हमें यह सौभाग्य मिला।
गजपुर (राजस्थान) की तमाम बेटियों ने सर्वप्रथम पूज्य प्रवर के भिक्षु विहार में दर्शन किये। तत्पश्चात तीर्थंकर समवसरण में नवरात्री जप अनुष्ठान में सहभागिता की एवं पूज्य प्रवर के मुखार बिंद सें अमृतवाणी का श्रवण किया।
दोपहर में भिक्षु विहार में पूज्य प्रवर के दर्शन किए एवं दर्शन कर आशीर्वाद एवं प्रेरणा पाथेय ग्रहण किया।
अंजू गोखरू नें सभी बहनों कों सहभागिता करने के लिए विशेष श्रम किया। ममता चिप्पड़ ने पूज्य प्रवर गुरुवर के समक्ष अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।
साध्वी प्रमुखा जी के दर्शन किये एवं घाटा से गजपुर नाम कैसे पड़ा, अपने गांव की विस्तृत जानकारी प्रदान की। आज संथारा साधक पावन प्रज्ञा श्री जी की बेकुंठी यात्रा में भी हमें सहज ही सम्मिलित होने का सुनहरा अवसर मिल गया ।
सम्मेलन में सफल बनाने में विशेष सहयोग श्रीमती रेखा जी मेहता एवं श्रीमती ममताजी चिप्पड़ का रहा। दोनों बहनों का गजपुर बहन बेटियां मंडल की तरफ से हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।
सभी बहनों नें यह तय किया कि हम साल में दो प्रोग्राम ऐसे देंगे जिससे सभी बहन बेटियां एक दूसरे से परिचित हो और एक दूसरे का कांटेक्ट बना रहे । आगे मैं यह चाहती हूं कि गजपुर की भी बहन बेटियों का एक ऐसा मंडल बने जिसे हम आगे भविष्य में भी अनेकों प्रोग्राम करें और एक दूसरे से परिचित होते रहे। 35 से 40 बहन बेटियों की सराहनीय सहभागिता रही।
नंदनवन में पूज्यप्रवर के श्री चरणों में पहुंची गजपुर की बेटियां
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