सूरत। सूरत सिटीलाइट तेरापंथ भवन में साध्वी श्री त्रिशलाकुमारीजी के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व के अंतर्गत ध्यान दिवस का कार्यक्रम रखा गया। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम में मंगलाचरण में जोधपुर, बालोतरा, कानाना, आषाढ़ आसोतरा के भाई- बहिनो ने बड़े ही जोश के साथ संगान किया । लगभग 200 व्यक्तियों की समवेत प्रस्तुति ने पूरे परिसर में शमा बांध दिया।
साध्वी संप्रतिप्रभाजी ने भगवान पार्श्वनाथ के पूर्वो भवो की सुन्दर प्रस्तुति दी। साध्वी रश्मिप्रभाजी ने ध्यान क्यों करना चाहिए, कैसे करना चाहिए? इस विषय पर अपनी प्रस्तुति भावाव्यक्ति देते हुए कहा कि ध्यान करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। ध्यान करने से हम टेंशन फ्री जीवन जी सकते है अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते है।साध्वी कल्पयशाजी ने इतिहास के झरोखे में बालोतरा, पचपदरा आदि का क्षेत्रों के साधु-साध्वियों प्रेरक प्रसंगों को अभिव्यक्त करते हुए डालगणी के प्रथमबार जोधपुर पधारने के प्रसंग को बहुत मार्मिक ढंग से प्रसुत किया।साध्वी श्री त्रिशलाकुमारीजी ने विशाल जनमेदनी को संबोधित करते हुए कहा- पर्युषण महापर्व अन्तर की शुद्धि का पर्व है। भव परम्परा से गुजरते भगवान महावीर के 26 वें भव का विवेचन करते हुए साध्वी श्री जी ने कहा- भगवान महावीर की आत्मा ने 10वे देवलोक का आयुष्य संपन्न कर 27वे भव में चौथे आरे के 75 वर्ष साढ़े आठ महिने अवशेष थे तब माता त्रिशला के गर्भ में आए माता त्रिशला ने 14 स्वप्न देखे। सवा नो महिने पूर्ण होने पर माता त्रिशला ने एक दिव्य शिशु को जन्म दिया।आचार्य महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के मंत्री नानालालजी राठौड़ ने आगामी चातुर्मास की व्यवस्था संबंधि जानकारी दी।
पर्युषणः सूरत सिटीलाइट में ध्यान दिवस का आयोजन
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