पालघर। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के आध्यात्मिक निर्देशन में उपासक जी के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व का भव्य शुभारंभ हुआ।
उपासक के रूप में गंगाशहर निवासी श्री राजेंद्र कुमार जी सेठिया जो राजस्थान सरकार में जॉइंट कमिश्नर के रूप में सेवा दे रहे हैं। उन्हें पुज्यप्रवर ने युवक रत्न और अणुव्रत सेवी के रूप में संबोधन दिया है। उनके सहयोगी के रूप में गंगाशहर से उपासक श्री. कन्हैयालाल जी बोथरा जिनकी यह 23 वी पर्युषण यात्रा के तहत पालघर पधारे है।।
पर्यूषण पर्व का प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उपासक श्री. राजेंद्र कुमार जी सेठिया ने कहा जैन धर्म का महत्वपूर्ण पर्व पर्युषण पर्व है।
पर्युषण पर्व तीन पी से सुरूवात करे प्रतिक्रमण, प्रायश्चित और पराक्रम। पर्युषण पर्व रुकने, झुकने व मुड़ने का पर्व है। पर्युषण का अर्थ है चारों ओर से सिमटकर चेतना के समीप निवास करना है।
उपासक श्री. कन्हैयालाल जी बोथरा ने खाद्य संयम दिवस पर कहा शरीर को स्वस्थ रखने का एक महत्वपूर्ण उपाय है खाद्य संयम। खाद्य संयम से मन की पवित्रता बढ़ती है व कर्म निर्जरा होती है। पर्युषण पर्व के प्रथम दिन सभी को खाद्य संयम का अभ्यास करना चाहिए।
पर्युषण के प्रथम दिन तेरापंथ भवन में 7 दिवसीय अखंड नमस्कार महामंत्र का जप का क्रम प्रारंभ किया गया। यह जानकारी मीडिया प्रभारी दिनेश राठोड़ ने दी।
पालघर में पर्यूषण पर्व का भव्य शुभारंभ, पर्युषण का प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस
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