लखनऊ। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए चुनावी बिसात बिछ गई है तथा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व निकाय चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रदर्शन काफी कुछ सियासी संकेत देगा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने ऐसा दांव चला है कि जिसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और खास तौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। बसपा मुस्लिमों को टिकट देने के मामले में सपा पर भारी पड़ी है।
नगर निगम चुनाव और लोकसभा चुनाव की परिस्थितियां और मुद्दे बिल्कुल अलग-अलग होते हैं, लेकिन जो दल इन चुनावों में बढ़त बनाने में सफल रहेगा वह सियासी ‘माइंड गेम’ के सहारे वोटरों पर काफी हद तक मनोवैज्ञानिक दबाव डालने में सफल रहेगा। वैसे तो कई निकाय चुनावों में भाजपा और सपा के बीच ही मुख्य मुकाबला देखने को मिलता था, लेकिन इस बार बसपा ने बड़ी संख्या में मुस्लिम प्रत्याशियों को उतार कर सपा के मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की जबर्दस्त तैयारी की है, जबकि एक समय वह भी था जब बसपा निकाय चुनाव अपने सिम्बल तक पर नहीं लड़ती थी, परंतु इस बार उसने निकाय चुनाव में दबदबा बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
सपा पर भारी पड़ी बसपा दिया मुस्लिमो को अधिक टिकट
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