ठाणे। तेरापंथ भवन ठाणे में ज्ञानी संत, बहुश्रुत परिषद के संयोजक,प्रेक्षा प्राध्यापक ,आगम मनीषी मुनिश्री महेन्द्रकुमारजी स्वामी की गुणानुवाद सभा आयोजित हुई। ठाणे में मुनिश्री का प्रवास 18 महीने रहा जिसमे 2 चातुर्मास का प्रवास रहा।ठाणे समाज के प्रत्येक व्यक्ति का मुनिश्री से व्यक्तिगत परिचय और अनोखा जुड़ाव रहा।
साध्वीश्री राकेश कुमारीजी एवं साध्वीवृन्द के सानिध्य में श्रावक श्राविकाओं ने अपनी भावांजली प्रेषित की।
साध्वीश्री राकेशकुमारीजी ने फरमाया मुनिश्री की अप्रमत्तता अनूठी थी गुरूइंगीत को साध्य करने की ललक में आपने अहर्निश आगम सम्पादन का महान कार्य किया।गुरुअगवानी में पूरे मुम्बई को झंकृत- जागृत किया पर गुरुवर का स्वागत अपनी जन्मभूमि पर करने का जो सपना आपकी आँखों मे था वह अधूरा रह गया।स्वरचित गीतिका ज्ञानी संत को राकेश अर्ध्य चढाये संगान किया।
साध्वीश्री मलयविभाजी ने भावांजली में कहा कि मुनिश्री का जाना धर्मसंघ की बहुत बड़ी क्षति है।साध्वीश्री द्वारा लिखित संदेश का वाचन किया।साध्वीश्री विपुलयशाजी ने मुनिश्री के जीवन को success शब्द के साथ व्याख्यायित किया।
साध्वी चेतस्विप्रभाजी ने श्रद्धाप्रणत स्वर प्रेषित किये।
तेरापंथी सभा ठाणे के अध्यक्ष श्रीमान रमेश सोनी ने अपनी भावना प्रेषित कर कहा की मुनि श्री का मनोबल बहुत मजबूत था व मुनि श्री की सोच बहुत आगे की थी।
भिक्षु महाप्रज्ञ ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमान निर्मलजी श्रीश्रीमाल ने कहा कि मुनिश्री के 18 महीने के प्रवास में एक भी दिन वे बिना दर्शन किये नही रहे साथ ही मुनिश्री और आचार्य श्री के अदृश्य कनेक्शन के बारे में बताया।
श्रद्धा से ओतप्रोत श्रीमान जयंतिलालजी बरलोटा, प्रवीणजी डांगी अपनी भावना रखी।
आशुकवयित्री श्रीमती सरला भूतोड़िया ने स्वरचित कविता प्रेषित की।
मुनिश्री के ठाणे प्रवास में उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से सेवा देने वाले डॉ सुंदरजी ईंटोदिया ने परोक्ष रूप में श्रद्धाञ्जली अर्पित की।
कार्यक्रम का संचालन ठाणे सिटी महिला मंडल अध्यक्षा अनिता धारीवाल ने किया साथ ही शासनश्री साध्वीश्री चन्दनबालाजी का लिखित संदेश का वचन किया।
मंगलपाठ श्रवण के साथ गुणानुवाद सभा सम्पन्न हुई श्रावक समाज की बहुत अच्छी उपस्थिति रही।
ठाणे में मुनिश्री महेन्द्रकुमारजी की गुणानुवाद सभा का आयोजन
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