मुंबई: सोमवार को नेवी डे के उपलक्ष्य में मीडिया से बात करते हुए वेस्टर्न नेवल कमांड चीफ़ गिरीश लूथरा ने कहा वेस्टर्न नेवल कमांड का यह गोल्डन जुबली ईयर है, हमने हर क्षेत्र में कदम बढ़ाए है। इसके साथ साथ सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। समुद्रीय व्यापार और समुद्रीय जहाजों की सुरक्षा के क्षेत्र में हमने कई कदम उठाए है जिसमे हमें काफी सफलता भी मिली हैं। सिविलियन्स के साथ बेहतर रिश्तों को बनाने में भी हमने कामयाबी हाशिल की हैं। वही सुरक्षा के लिहाज से समय समय पर एयर क्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य को भी समुद्रीय सुरक्षा के लिहाज से डिप्लॉय किया गया। गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्रीय तटों की सुरक्षा के लिए पश्चिम लहर के नाम से एक्सरसाइज हाल ही में किये गए। क्योंकि सुरक्षा के लिहाज से काफी सवेदनशील इलाका माना जाता हैं। मदत नाम से भी हमने एक्सरसाइज किये जिसमें इमरजेंसी के दौरान जरूरत मंद को सहायता प्रदान किया गया। हाल ही में हमने विदेशी नौसेनाओं के साथ भी एक्सरसाइज किये।
वही अंडर वाटर सुरक्षा को और बजबूत करने के लिए कन्हेरी सबमरीन जल्द ही नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे। हमने समुद्री डकैतों पर काफी हद तक काबू पाया है। जिसकी वजह से हाल फिलहाल के दिनों में किसी तरह का हमला नही देखा गया हैं। सायबर सिक्युरिटी पर भी हमने काफी काम किया है क्योंकि सायबर सिक्युरिटी एक एहम हिस्सा है नौसेना के लिए। गुजरात के पोरबंदर में ऑपरेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया गया हैं जो कि भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाता हैं। कारवार में भी जल्द नेवल शिपयार्ड विकशित किया जाएगा। स्वच्छता अभियान में भी नौसेना ने अपना एहम योगदान पिछले कुछ महीनों में दिया हैं।
छात्रपत्री शिवाजी महाराज के स्टेच्यू को लेकर हमने सरकार के सामने अपनी रिक्वायरमेंट रख दी हैं। 700 करोड़ रुपये से विक्रमादित्य को 30 नवम्बर को ही रिफिट कर लिया गया हैं। इतना पैसा खर्च हुआ क्योंकि कई इकरूपमेंट्स निकाले गए और नए एड किये गए है। जो कि सुरक्षा के लिहाज से जरूरी थे। इसके लिए कई एजेंसीज का सहयोग भी लिया गया। महाराष्ट्र सरकार द्वारा विराट को संग्रहालय बनाने को लेकर भेजे गए प्रस्ताव को हमने गृहमंत्रालय को भेंजा हैं। महिलाओं को श्पेसल ब्रांच तैयार कर रहे है ताकि महिलाओं की सहभागिता नौसेना में बढ़े। ताकि भविष्य में समंदर में नौसेना के लिए महिलाएं भी दुश्मनों को मात देने के लिए तैयार कर सकें। एमसीएमवी को लेकर विदेशी एजेंसियों से बात बात हो रही हैं जल्द ही इसमें हमे कामयाबी मिलेगी। हमने कई छोटी जहाजों को संग्रहालयों में बदला गया है। एयर क्राफ्ट कैरियर विराट को संग्रहालय में बदलने की कोशिश की जा रही हैं। ताकि युवा इसे निकटता से समझ सके। वहीं सुरक्षा के लिहाज से जल्द 4 एयर क्राफ्ट कैरियर अपने बड़े में शामिल करेंगे।
2008 आतंकी हमले के बाद से ही कोस्टल सुरक्षा को काफी चाक चौबंद की गई हैं। पिछले 10 सालों में इस क्षेत्र में इंटर जेन्सी के बीच सामस्या बेहतर हुआ हैं। जिससे कोस्टल सुरक्षा बहुत बेहतर हुआ हैं। एआईएस फिलहाल पूरा नही है जो थोड़ी बहुत लूप होल्स है जल्द ही इसरो के सहयोग इस लूप होल को खत्म किया जाएगा। एआईएस के जरिये सभी नावों का रजिस्ट्रेशन करना है ताकि उस पर नजर रखी जा सके। साथ ही क्रूज़ टर्मिनल को हमने हरि झंडी दिखाई है कुछ शर्तों के साथ। सभी सरतो को एजेंसी ने मानकर काम भी शुरू कर दिया हैं। ड्राय डॉक की जितनी जरूरत है उससे बेहद कम है जैसी की विक्रमादित्य जैसे शिप को ड्राय डॉक करने की जगह नही हैं। क्योंकि दूसरे एजेंसी पर निर्भर रहना पड़ता है और कई बार जरूरत के समय जगह नही मिल पाती हैं। हम खुद को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं।।
सबमरीन को लेकर हमारी कंडीशन क्रिटिकल रही हैं। हमारे पास मौजूदा सबमरीब काफी पुरानी हो चुकी हैं। एमआर एल सी के जरिये इन पुरानी सबमरीन की लाइफ बढ़ाई जाएगी। हम जल्द से जल्द इस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षा के लिहाज से नौसेना और बेहतर हुई
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