- भारत जोड़ो यात्रा में किसान आंदोलन के शहीदों को किया नमन
बुलढाणा। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में किसानों को साथ भारी जुल्म किया जा रहा है। ऐसे में मोदी सरकार तीन काले कृषि कानून लेकर आई थी जिसने पहले से ही संकटग्रस्त किसानों और कृषि को और तबाह कर दिया। देश के किसानों ने इन दमनकारी कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई और दिल्ली का घेराव कर ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन किया। आज इस बात के एक साल हो गए हैं, जब मोदी सरकार आखिरकार किसानों की आवाज के आगे झुक गई और तीन काले कानूनों को निरस्त कर दिया। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से बातचीत की होती तो 733 किसानों के जीवन को बचाया जा सकता था। यह बात शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुलढ़ाणा में कही। शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा गजानन दादा पाटिल मार्केट यार्ड, शेगांव से सुबह 6 बजे शुरू हुई और भस्तान गांव पर समाप्त हुई। इस मौके पर चौक सभा में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की आवाज देश की आवाज है। तीनों काले कृषि कानून अन्यायपूर्ण थे, इसलिए देश के किसानों ने इनका कड़ा विरोध किया। दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा लगा दिया लेकिन मोदी सरकार ने किसानों की मांगों को अनसुना कर दिया। राहुल ने कहा कि मोदीसरकार चंद उद्योगपतियों के फायदे के लिए काले कृषि कानून लाया था। सरकार के पास पुलिस, हथियार, प्रशासन था, लेकिन किसानों के पास केवल उनकी आवाज थी। सरकार की हठधर्मिता के चलते 733 किसानों की जान चली गई, जिसे टाला जा सकता था। भारत जोड़ो यात्रा का शनिवार का पड़ाव बुलढाणा जिले के भेंडवाल में है।