भायंदर। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी श्री विद्यावतीजी’ द्वितीय’ ठाणा 5 के चतुर्मास में इस बार भायंदर तुलसी समवशरण तेरापंथ भवन में त्रिदिवसीय तेरापंथ साहित्य एवं भव्य हस्तकला प्रदर्शनी लगाई गई है। भायंदर में प्रथम बार आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन विधायक गीताजी जैन ने साध्वी श्री जी द्वारा मंगल पाठ सुनकर किया।
श्रीमती गीता जैन ने अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद भी आकर पूरी प्रदर्शनी का सोत्साह अवलोकन किया। साध्वी वृंद द्वारा अथक श्रम से बनाई गई कलाकृतियों, चित्रकला आदि देखकर आश्चर्यचकित हो गई। प्रदर्शनी देखने के बाद गीताजी जैन ने कहा- मेरे लिए आज यह लाभ पंचमी का दिन अत्यधिक उल्लास का हेतु बन गया। भारतीय संस्कृति से जुड़ी यह कला सबके लिये एक प्रेरणा है। मैं अपना सौभाग्य मानती हूँ कि आज मुझे अनायास ही ऐसी भव्य प्रदर्शनी को देखने का सुअवसर मिला है।
साध्वी श्रीजी के प्रति उन्होंने कृतज्ञता अर्पित की।
साध्वी श्री विद्यावतीजी ने कहा- भारत में वस्तु कला, शिल्प कला आदि का जितना महत्त्व है उतना ही महत्व हस्तकला का भी है। तेरापंथ धर्मसंघ के पूर्वाचार्यों एवं वर्तमान आचार्य श्री महाश्रमणजी का कला के विकास में हमेशा महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। साध्वी श्री प्रियंबदाजी ने कहा- हस्तकला के साथ साथ तेरापंथ साहित्य की यह प्रदर्शनी भी सबके लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। गरिमापूर्ण साहित्य के द्वारा जीवन सुसंस्कारित एवं चरित्रवान बनता है। साध्वी श्री प्रेरणाश्रीजी, साध्वीश्री मृदुयशाजी एवं साध्वी श्री ऋद्धियशाजी प्रदर्शनी की हर चीज को समझाने में काफी श्रम कर रही है। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष भगवतीलालजी भंडारी ने वक्तव्य दिया।
सभा की तरफ से श्रीमती गीता जैन का एवं प्रदर्शनी के प्रायोजक विकासकुमार बडाला का साहित्य द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद एवं तेरापंथ महिला मंडल तथा कन्या मंडल के पदाधिकारी एवं सदस्य गण भी काफी संख्या में उपस्थित थे एवं प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। यह जानकारी अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज भायंदर प्रतिनिधि पारस कच्छारा ने दी।
भायंदर में त्रिदिवसीय तेरापंथ साहित्य एवं हस्तकला प्रदर्शनी का उद्घाटन
Leave a comment
Leave a comment