- प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने साधा निशाना
- देश की भारी बेरोजगारी के सामने 75,000 नौकरियां, ‘ऊंट के मुंह में जीरा’
- फडणवीस द्वारा घोषित 72 हजार की मेगा भर्ती भी कोरा वादा बन कर रह गया
मुंबई। केंद्र की मोदी सरकार 75 हजार लोगों को नौकरी देने का दावा कर अपने इस इवेंट का जम कर ढिंढोरा पीट रही है लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है। यह खुलासा प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने किया है । उन्होंने कहा कि जिन लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं,इनमें से कई पदों के लिए परीक्षाएं डेढ़ से दो साल पहले हुई थीं, लेकिन इन नियुक्तियों को होल्ड पर रखा गया था । लोंढे ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार ने इस मेगा इवेंट का आयोजन किया है ताकि लोगों के बीच बेरोजगारी को लेकर बढ़ रही नाराजगी को कुछ कम किया जा सके। हालांकि उन्होंने कहा कि देश की जनता समझदार है और इस तरह के पैतरों को अच्छी तरह से समझती है।
इस संबंध में आगे बोलते हुए अतुल लोंढे ने कहा कि मेगा इवेंट के आयोजन में नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फडणवीस का हाथ कोई नहीं पकड़ सकता है । उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन और रेलवे भर्ती बोर्ड समेत विभिन्न बोर्डों की परीक्षाओं को डेढ़ साल हो गया है, लेकिन इन परीक्षाओं के परिणाम रोक दिए गए थे ताकि प्रधानमंत्री दिवाली के मौके पर इस इवेंट को आयोजित कर सकें। अतुल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है । वहीं गुजरात में भी जल्द चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने नियुक्ति पत्र जारी करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ युवाओं ने श्रम पोर्टल पर नौकरी और रोजगार के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें से केवल 7 लाख को ही नौकरी मिली है। सीएमआईई के मुताबिक, 45 करोड़ लोगों ने नौकरी की उम्मीद छोड़ दी हैं। जबकि केंद्र सरकार के पास कर्मचारियों की 25 लाख पद खाली हैं। अतुल लोंढे ने कहा कि बेरोजगारी की बढ़ती दर को देखते हुए, 75 हजार नौकरियों ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ के समान है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम रहने के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने 72 हजार पदों पर बड़ी भर्ती की घोषणा की थी लेकिन हकीकत में वह 72 लोगों को भी नौकरी नहीं दे सके थे । उन्होंने कहा कि फडणवीस ने कर्मचारियों की भर्ती नहीं की बल्कि अन्य दलों के विधायक और सांसद को तोड़ कर भाजपा में शामिल करने का काम किया। लोंढे ने कहा कि पीएम मोदी और फडणवीस की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है ।