बेंगलुरू:श्रीहरिकोटा से 29 नवंबर को पीएसएलवी-सी 43 रॉकेट का प्रक्षेपण किया गया। यह पृथ्वी का निरीक्षण करने वाले भारतीय उपग्रह एचवाईएसआईएस और 30 अन्य सेटेलाइट अपने साथ अंतरिक्ष में ले गया, उनमें 23 अमेरिका के हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्षयान पीएसएलवी-सी43 (PSLV-C43) के साथ आठ देशों के 30 उपग्रह भी प्रक्षेपित किए गए जिसमें से 23 अमेरिका के हैं। इसरो ने बताया कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गुरुवार को सुबह नौ बजकर 58 मिनट पर अंतरिक्षयान पीएसएलवी-सी43 का प्रक्षेपण हुआ। यह पीएसएलवी-सी43 अभियान का प्राथमिक उपग्रह है। पीएसएलवी इसरो का तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है।
पांच साल होगी आयु
पीएसएलवी उपग्रह सूर्य की कक्षा में 97.957 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित किया जाएगा और इसकी आयु करीब 5 साल है।
पृथ्वी का अध्ययन करेगा
हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटलाइट प्राथमिक लक्ष्य पृथ्वी की सतह का अध्ययन करना है। यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वर्ण पट (स्पेक्ट्रम) के समीप इन्फ्रारेड और शार्टवेव इन्फ्रारेड क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह का अध्ययन करेगा। इन उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए उसके वाणिज्यिक अंग के साथ वाणिज्यक करार किया गया है।
29 नैनो सेटेलाइट
पीएसएलवी के साथ जिन 30 अन्य सेटेलाइट का प्रक्षेपण गुरुवार को किया जाना है इसमें 1 माइक्रो और 29 नैनो सेटेलाइट होंगे। ये उपग्रह आठ देशों के हैं। इनमें अमेरिका (23 सेटेलाइट) आस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड एवं स्पेन के एक-एक उपग्रह शामिल हैं।
इसरो की बड़ी कामयाबी : PSLV-C43 लॉन्च
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