पर्युषण महापर्व का चौथा दिन वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया गया
कोटा। साध्वी श्री अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में कोटा अणुव्रत – भवन में पर्युषण महापर्व का चौथा दिन वाणी-संयम दिवस के रूप में आयोजित हुआ।साध्वी श्री अणिमाश्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा- वाणी- संयम का एक रूप मौन भी है। मौन अपने आप में शक्ति का भंडार है। मौन से प्राण शक्ति पुष्ट बनती है।नई ताजगी व नई स्फुर्ति का दर्शन होता है। वाणी संघम का दूसरा रूप है- विवेक पूर्वक बोलना। जो व्यक्ति कम बोलता है, सोचकर बोलता है, मधुर बोलता है, वह सबके दिलों में अपना स्थान बना होता हो वाणी के कारण कुछ लोग दिल में उत्तर जाते हैं एवं कुछ लोग दिल से उतर जाते हैं। हमें दिल से नहीं दिल में उतरना है, इसका साधन है-वाणी-संयम।
साध्वीश्री जी की प्रेरणा से अनेक भाई-बहनों ने मौन करने का संकल्प लिया साध्वी श्रीजी ने भगवान महावीर की अध्यात्म यात्रा का रोमांचकारी वर्णन किया।कई अनछुए पहलुओं को व्याख्यायित किया।
साध्वी डॉ. सुधाप्रभा जी ने कहा-जीवन की कला का महत्वपूर्ण सूत्र है- बोलने की कला यानि वाणी संयम। बोलने की कला इंसान को कुदरत से मिला वो नायाब तोहफा है जिसका उपयोग करके व्यक्ति सुखी समृद्ध व आनंदमय जीवन का मालिक बन सकता है।साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए कहा-मौन ज्ञान को बढ़ाता है। मौन विवाद को घटाता है। मौन उलझन को सुलझाता है। मौन तनाव को घटाता है। जरूरत है व्यक्ति मौन की साधना के द्वारा पावरफुल बने साध्वी समत्वयशा जी ने वाणी संयम-दिवस पर अतिसुंदर गीत का परिषद में संगान किया। तेयुप साथियों ने सुरीले व सुमधुर स्वरों में शानदार मंगल संगान किया।
प्रवचन के पश्चात श्री अभिषेक गोयल ने श्रद्धासिक उद्गार व्यक्त किए। साध्वी श्री ने कहा समाज भूषण बिशन दयाल जी गोयल कापरिवार संस्कारी परिवार है। कल्याण मित्र की स्व.श्री कैलाश गोयल श्रीमती राजगोयल व पुत्र अभिषेक गोयल बड़े श्रद्धाशील व उनकी पत्नी निधि एवं पुत्री कास्वी भी इस रंग में रंग रही है। विले-पार्ले (मुंबई) में इनको निरन्तर सय्यातर का लाभ प्राप्त होता है।
यह इनकी खरी कमाई है सभा अध्यक्ष श्री संजय जी बोथरा, मंत्री धर्मचन्दजी जैन,कोटा तेयुप अध्यक्ष भाई आनंद दुगड़ और अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्रीमान अशोक दुगड़ के साथ सभी ने मिलकर कार्यक्रम के पश्चात अभिषेकगोयल का सम्मान किया। श्रीमती उषा बाफना व कमलेश जैन ने जप की जानकारी दी।धर्मचन्दजी ने अपने विचार व्यक्त किए।
- समाचार प्रदाता: सौरव दस्साणी, मीडिया प्रभारी, कोटा