ठाणे। आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या शासन श्री साध्वीश्री जिनरेखाजी एवं साध्वीवृन्द के सानिध्य में आज तेरापंथ भवन ठाणे में पर्युषण महापर्व का भव्य आगाज हुआ। विशाल जनमेदिनी की उपस्थिति में केंद्र निर्धारित खाद्य संयम दिवस मनाया।ठाणे सिटी महिला मंडल की बहनो ने सुमधुर लय में खाने में संयम रखना साधकर अपनी रसना मंगलाचारण संगान किया।
सभाध्यक्ष श्रीमान रमेश सोनी ने पर्युषण पर्व और सभी पधारे भाई बहनों का स्वागत किया और इन दिनों में विभाव और विवाद से हट कर स्वभाव और समभाव में रहने का आव्हान किया।
शासनश्री साध्वीश्री जिनके कंठ में स्वयं सरस्वती का वास है एक गीतिका के साथ आराध्य का स्मरण किया,तेरी ज्योति जलाये हम मन के अंधेरे में,जय जय महावीर तेरी जय जय हो और बताया कि पर्युषण पर्व अलौकिक,अनुत्तर और सर्वोपरी पर्व है। इस पर्व के दौरान अधिक से अधिक धर्म आराधना हो क्योंकि धर्म हमारा अंतरंग तत्व है,धर्म और चेतना की गति स्वाभाविक होनी चाहिए।चेतना पर जमे मूर्छाजनित मैल के आवरण को हटाने के लिए क्षमा, मैत्री, त्याग, तपस्या, नियम जप जैसे साबुनों का उपयोग होना चाहिए।समता से की हुई साधना अत्यंत मूल्यवान है।जैन धर्म के मूल्य और सिंद्धान्तों के कारण ये विश्वधर्म बननेकी क्षमता रखता है।
आहार संयम विषय पर प्रकाश डालते हुवे साध्वीश्री मार्दवयशाजी ने कहा की भोजन कैसा, कब, कहा, कितना, क्यो ये विचार करना आवश्यक है। साध्वीश्री श्वेतप्रभाजी ने कुशल संचालन और सूचनाओ से परिषद का ध्यान आकर्षित किया। सभा के मंत्री श्री नरेश बाफना ने आभार ज्ञापन किया।
ठाणे में पर्युषण महापर्व का भव्य आगाज़
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