मुंबई। गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी की 2023 चतुर्मासिक अगवानी के लिए मुंबई नगर के हर क्षेत्र में- वसई, वाशी, ठाणे, भायंदर, चेंबूर, घाटकोपर, विलेपार्ले, कांदिवली, मुलुंड, दक्षिण मुंबई- गूंज उठा उत्थान का नारा। मुंबई नगर के क्षेत्रों में जहां पर भी साधु-साध्वियों व समणी जी का सानिध्य था, वहां एक साथ उत्थान उपक्रम का आगाज हुआ। लगभग 2000 की जनता ने इस कार्यक्रम की साक्षी बनी।
कार्यक्रम की शुरुआत उत्थान के थीम सॉन्ग मंगलाचरण से हुई। कन्या किशोर मंडल, महिला मंडल ने नाटिका के रूप में क्यों उत्थान की आवश्यकता है, इस बात को दर्शाया। इस कार्यक्रम में श्रावकों को छोटे परंतु महत्वपूर्ण विषयों पर जैसे कि, चरित्रात्माओं के साथ वंदना व्यवहार, वाणी व्यवहार, विहार सेवा, गोचरी संबंधित जानकारी प्रदान की गई। श्रोताओं को अवगत कराया गया, कि कैसे चरित्र आत्माओं को वंदन करने से विनम्रता, क्रोध- शांति, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
साधु संतों के साथ हमारी वाणी का प्रयोग आदर पूर्वक, विनम्र व उचित शब्दावली युक्त होना चाहिए । साधु साध्वियों के विहार सेवा के दौरान श्रावकों को नशा मुक्त रहते हुए, अचित वस्तु अपने साथ ना रखते हुए, सचित वस्तु का उपयोग कर रात्रि भोजन त्याग करने चाहिए। इससे यह फायदे होंगे कि श्रावक के स्वयं के त्याग के साथ साधार्मिक वात्सल्य का लाभ व सहज ही वे भावना भी भा सकेंगे।
इसके साथ ही गोचरी से संबंधित शब्दावली, ध्यानार्थ बातें व सचित – अचित वस्तुओं की समझ दी गई। बड़े ही रोचक व रचनात्मक ढंग से जन जन को आसानी से अध्यात्म का पाठ पढ़ाया गया।
उत्थान टीम के युवा कार्यकर्ता, उत्थान के फैसिलिटेटर, सभी क्षेत्रों के सभा अध्यक्ष, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल के सक्रिय प्रयास किया। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, मुंबई के तत्वावधान में व तेरापंथ युवक परिषदों के श्रम नियोजन से यह कार्यक्रम सफलतम रहा। मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने सक्रिय भूमिका निभाई।
रिपोर्ट: यशा भंसाली
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