ठाणे। युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री जिनरेखा जी के सानिध्य में आचार्य भिक्षु का 263 वां तेरापंथ स्थापना दिवस मनाया गया। जिसकी मंगल शुरुआत मुंब्रा कन्या मंडल के मंगल स्वर से हुई। शासन श्री जिनरेखा जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा, आचार्य भिक्षु एक विलक्षण, ऊर्जावान, तेरापंथ धर्म संघ की नीव का वपन करने वाले प्रथम आचार्य थे, तेरापंथ धर्म संघ की स्थापना आज के दिन आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुई, आज गुरु पूर्णिमा का मंगल अवसर है “तमसो मां ज्योतिर्गमय” अंधकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान करने का दिन है, इस अवसर पर साध्वी श्री मधुरयशा जी, श्री धवल प्रभा जी ने आचार्य श्री भिक्षु के कृतित्व और व्यक्तित्व पर भावाभिव्यक्ति दी।
सभा अध्यक्ष रमेश सोनी, कांतिलाल जी धाकड़, राकेश टुकलिय ने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल ने आचार्य भिक्षु के मुख्य अवधान सेवा, कला, मर्यादा, अनुशासन, व्यवस्था, समर्पण, शब्द चित्र के माध्यम से भारती सिंघवी,उषा बाफना,वनिता मेहता,रेखा बाफना, प्रिया रांका,खुशबू इंटोदीया ने सुंदर प्रस्तुति दी, साध्वी वृंद ने सामूहिक गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी श्री श्वेतप्रभा जी ने पचरंगी व सतरंगी तप में सभी को जुड़ने की प्रेरणा प्रदान की साध्वी जिनरेखाजी ने त्याग प्रत्याख्यान करवाएं, कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी मार्दवयशा जी ने किया, कार्यक्रम में मुख्य उपस्थिति कपुरचंद श्री श्री माल, सभा सहन्यासी पारसमल बाफना, सभा मंत्री नरेश बाफना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोहर कच्छारा, नवरत्न दुग्गड, महेंद्र कोठारी, महेद्र पुनमिया, तेयूप अध्यक्ष अविनाश गोगड़, पवन बाफना, महिला मंडल से सिटी मंत्री जयंती भंसाली, संयोजिका प्रिया मुथा, रंजना बाफना, मुलुंड सभा अध्यक्ष चुनीलाल सिंघवी, उत्तम लोढ़ा व सभी गणमान्य श्रावक व श्राविकाओं की ठाणे व सहवर्ती क्षेत्रों से अच्छी उपस्थिति रही।
सत्य के पुजारी थे आचार्य श्री भिक्षुः शासन श्री साध्वी जिनरेखा जी
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