चंडीगढ़ : अक्षय कुमार बेअदबी और गोलीकांड की जांच कर रही एसआइटी के सामने पेश हुए। एसअाइटी ने उनसे करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की। बताया जाता है कि इस दौरान उनसे गुरमीत राम रहीम से रिश्ते सहित कई मुद्दाें पर पूछताछ हुई। वह एसआइटी के समक्ष पेश होने के लिए बुधवार सुबह ही चंडीगढ पहुंचे थे।
उनसे पंजाब के बरगाड़ी में हुई श्री गुरुग्रंथ साहिब से बेअदबी और फायरिंग मामले में पूछताछ की गई। इसके लिए एसआइटी ने उनको समन जारी किया था। अक्षय से पुलिस मुख्यालय की सातवीं मंजिल पर पूछताछ करीब डेढ़ घंटे चली। अक्षय से पूछताछ के लिए 11 बजे का समय तय था लेकिन वह साढ़े नौ बजे ही पुलिस मुख्यालय पहुंच। इसके बाद 10 बजे उनसे पूछताछ शुरू हो गई। अक्षय नौ बजे ही एयरपोर्ट पहुंच गए थे। एसआइटी के अधिकारियों ने उनसे साढ़े 11 बजे तक पूछताछ की।
पूछताछ के बाद पुलिस मुख्यालय के पिछले दरवाजे से उन्हें एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया। इसके बारे में किसी को पता ही नहीं चला। अक्षय से मीडिया कोई बात नहीं कर पाया। एसआइटी ने उनसे क्या पूछा और उन्होंने क्या जवाब दिया, फिलहाल इसका कुछ पता नहीं चल पाया है। लेकिन, बताया जाता है कि उनसे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से रिश्ते और सुखबीर सिंह बादल की गुरमीत से बैठक कराने के आरोपों के बारे में प्रश्न किए गए।
बताया जाता है कि एसअाइटी अक्षय कुमार से गुरमीत राम रहीम से सुखबीर सिंह बादल की बैठक कराने के आरोप सहित कई अन्य प्रश्न पूछे जा रहे हैं। अक्षय कुमार से पूछताछ के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय के आसपास बेहद कड़ी सुरक्षा की गई थी और मीडिया सहित किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया गया।
इससे पहले अक्षय कुमार ने मामले की जांच कर रहे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर पेशी से छूट मांगी थी, लेकिन उनको निराशा हाथ लगी थ्रह। ऐसे में अब उनका एसआइटी के समक्ष पेश होना जरूरी हो गया था। उन पर सुखबीर सिंह बादल और डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंबई में अपने घर पर बैठक कराने का आरोप लगाया गया है।अक्षय कुमार ने इस आरोप को गलत बताया है। उनका कहना है कि वह गुरमीत राम रहीेम को जानते तक नहीं।
सूत्रों के मुताबिक, अक्षय कुमार ने पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा था कि वह पहले भी कह चुके हैं कि उनका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से कोई संबंध नहीं रहा है। वह यह बात टि्वटर पर भी कह चुके हैं। चंडीगढ़ में भी पूछताछ में यही कहेंगे, इसलिए उन्हें पेश न होने की इजाजत दी जाए। सूत्र बताते हैं कि पुलिस अधिकारियों ने अक्षय को दो टूक कह दिया कि उनसे पूछताछ एक कानूनी प्रक्रिया है और उन्हें पेश होना ही पड़ेगा। एसआइटी की एक प्रश्नावली होती है, जिसका जवाब उन्हें देना पड़ेगा!
अक्षय कुमार पर डेरा सच्चा सौदा के मुखी गुरमीत राम रहीम और शिअद प्रधान तथा पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के बीच मध्यस्थता कराने का आरोप है। आरोप लगाया गया है कि इसके लिए 100 करोड़ की डील हुई थी। जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक भी गुरमीत राम रहीम की फिल्म ‘मैसेंजर ऑफ गॉड’ को रिलीज कराने के लिए अक्षय कुमार के घर पर मीटिंग हुई थी।
एसआइटी ने इस मामले में समन जारी कर बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार को 21 नवंबर को अमृतसर पेश होने को कहा था। गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल 16 नवंबर को और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल 19 नवंबर को एसआइटी के सामने पेश होकर बयान दर्ज करवा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहिबलकलां व कोटकपूरा (फरीदकोट) में हुए गोलीकांड की जांच के लिए पंजाब सरकार ने एसआइटी बनाई है। इससे पहले सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया था। इसकी रिपोर्ट के बाद एसआइटी बनाई गई है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अक्षय कुमार ने मुंबई में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की अकाली दल के अध्यक्ष व तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल से मीटिंग करवाई थी।
आरोप है कि इस मीटिंग में सौ करोड़ रुपये की डील हुई थी। राम रहीम को श्री अकाल तख्त साहिब से माफी और उनकी फिल्म को रिलीज करने का समझौता हुआ था। बाद में अकाल तख्त ने राम रहीम को माफी दे दी थी, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद इसे वापस ले लिया था। डेरा प्रमुख की फिल्म रिलीज को लेकर भी विवाद हुआ था। बाद में सामने आया था कि सिखों से बदला लेने के लिए डेरा प्रेमियों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की थी।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बादल व सुखबीर की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।
अक्षय कुमार से चंडीगढ़ में एसअसइटी ने की पूछताछ
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