नई दिल्ली:1984 में भड़के सिख विरोधी दंगा मामले में महिलापुर इलाके में दो सिखों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए दो अभियुक्तों में से एक को फांसी और दूसरे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस पर बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस 2015 में जो एसआईटी गठित की गई थी उसने मामले की जांच ईमानदारी से की है जिसकी वजह से दोषियों को सजा हो सकी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 1984 के नरसंहार के मामले में मंगलवार को दिल्ली के न्यायालय ने दो अपराधियों में से एक को फांसी और एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है, इस फैसले से हमें संतोष है। उन्होंने कहा कि पिछले 35 साल में कांग्रेस पार्टी द्वारा योजनाबद्ध और सुनियोजित तरीके से इस बात की पूरी कोशिश की गई कि 1984 के नरसंहार के आरोपियों के खिलाफ कोई प्रमाणिक कार्रवाई नहीं हो।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने सिख नरसंहार मामले की जांच के लिए 1985 में रंगनाथ कमिशन बनाया ओर उन्होंने अपनी जांच में कहा कि ये संगठित अपराध नहीं था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ अफसर भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके जिसके चलते ये हुआ। बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाकर पुरस्कार दिया था।
गौरतलब है कि 1 नवंबर 1984 को महिलापुर इलाके में दो सिख युवाओं की हत्या के आरोप में पटियाला हाउस कोर्ट ने दो स्थानीय लोगों नरेश सहरावत व यशपाल सिंह को दोषी ठहराया था। इन अभियुक्तों पर घटना वाले दिन पीड़ित परिवार की दुकान में लूट करने, दंगा फैलाने, दो सिख युवकों को जिंदा जलाकर मारने, मृतकों के भाइयों पर जानलेवा हमला करने का दोष साबित हुआ था। अदालत ने अपने फैसले में माना था कि बेशक इस मामले में फैसला आने में 34 साल लगे, लेकिन पीड़ितों को आखिर इंसाफ मिला है। अभियोजन ने अभियुक्तों के लिए फांसी की सजा मांगी थी।
35 साल में कांग्रेस ने 84 के नरसंहार के आरोपियों पर नहीं की कोई कार्रवाई :रविशंकर प्रसाद
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