फिल्मः अटैक
कलाकारः जॉन अब्राहम, जैकलीन फर्नांडीज, रकुल प्रीत सिंह, प्रकाश राज, किरण कुमार, रत्ना पाठक शाह, अल्हम एहसास आदि
डायरेक्टरः लक्ष्यराज आनंद
शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म “अटैक” आतंकियों से मुकाबला करते हुए एक सुपरहीरो और तकनीक प्रयोग की कहानी है। फिल्म जॉन अब्राहम के एक्शन से भरी हुई है साथ ही इसमें जैकलीन और रकुलप्रीत की खूबसूरती के अलावा आधुनिक तकनीक के इश्तेमाल को बखूबी दिखाया गया है।
कहानीः फिल्म की शुरुआत पाकिस्तान में घुसकर भारतीय फौजियों द्वारा भारी गोलीबारी से होती है। इस गोलीबारी में भारतीय फौजी अर्जुन शेरगिल (जॉन अब्राहम) जिस आतंकी हामिद (एल्हम एहसास) को दया करके छोड़ देते हैं वही आगे चलकर आतंकियों का सरगना बन जाता है और भारतीय संसद भवन पर हमले की प्लानिंग करता है। इस बीच हवाई यात्रा के दौरान एयर होस्टेस आयशा (जैकलीन फर्नांडीज) से अर्जुन शेरगिल को प्यार हो जाता है। बात एक दूजे के संग जीने मरने की कसमों और शादी के वायदे तक पहुंच जाती है। एक दिन अर्जुन और आयशा एयरपोर्ट पहुंचते हैं तभी अचानक आतंकी हमला हो जाता है। इस हमले में अर्जुन बुरी तरह से घायल हो जाता है और आयशा उससे बिछड़ जाती है। अर्जुन का इलाज अस्पताल में होता है लेकिन हमेशा के लिए पैरलाइज हो जाता है। वह सिर्फ बोल पाता है बस। उसकी मां शांति शेरगिल (रत्ना पाठक शाह) उसका देखभाल करती हैं।
इसके बाद सेना के अफसर वीके सुब्रमण्यम (प्रकाश राज) आतंकवाद से निपटने के लिए योजना पर काम कर रहे होते हैं इस बीच उन्हें पता चलता है कि डॉ. सबा कुरेशी (रकुल प्रीत सिंह) रोबोट बनाने पर काम कर रही हैं, जो किसी को तकनीक बेस्ड सुपरहीरो बना सकती हैं जो पूरी तरह अलेक्सा जैसी तकनीक पर आधारित है और वह अकेले कइयों से मुकाबला कर परास्त कर सकता है। उन्हें ऐसे व्यक्ति की तलाश रहती है जिस पर यह तकनीक फिट किया जा सके लेकिन सबा कहती है कि इसे फिट व्यक्ति पर नहीं लगाया जा सकता। काफी सोच विचार करने के बाद सुब्रमण्यम यह प्रस्ताव अर्जुल शेरगिल को देते हैं और वह इसे इस शर्त पर स्वीकार करता है कि अगर उसे कुछ हो जाए तो उसकी मां के देखरेख की जिम्मेदारी सरकार ले। आगे कहानी कहां पहुंचती है, संसद हमले के दौरान तकनीक से लैस अर्जुन क्या पराक्रम दिखाता है और यह तकनीक किस तरह काम करती है, इसके लिए थिएटर जाएं और फिल्म “अटैक” एक बार देखें।
अभिनयः फिल्म में जॉन का एक्शन हमेशा की तरह कमाल का रहा है। जैकलीन खूबसूरत दिखी हैं जबकि रकुलप्रीत खूबसूरत होने के साथ प्रोफेशनल तरीके से अपने रोल के साथ न्याय किया है। प्रकाश राज ने अपने अभिनय में कोई कमी नहीं छोड़ी है। अल्हम एहसास ने आतंकी के रोल में क्रूरता और डायलॉग डिलीवरी में भी अच्छा कर गए हैं। बाकी कलाकारों में किरण कुमार, रत्ना पाठक सहित अन्य कलाकार भी अपनी भूमिका को मजबूती दी है।
डायरेक्शन/लेखनः लक्ष्यराज आनंद का डायरेक्शन बढ़िया है। फर्स्ट हाफ एकदम कसा हुआ है लेकिन सेकेंड हाफ काफी तेजी से बढ़ता हुआ चलता है और कई चीजें अनलॉजिक दिखीं। कुल मिलाकर यह फिल्म सुपरहीरो और तकनीक बेस्ड जिसे वह दर्शकों को परोसने में सफल रहे। बीएफएक्स का जबरदस्त इस्तेमाल हुआ है, जो फिल्म को और बेहतर बनाती है। फिल्म के डायलॉग सुमित बथेजा ने लिखे हैं, कई पंच अच्छे बन पड़े हैं।
संगीतः फिल्म में धूम धड़ाम के बीच संगीत का बहुत ज्यादा महत्व नहीं है लेकिन शाश्वत सचदेव के संगीत ने जॉन और जैकलीन के रोमांस को और भी खूबसूरत बना दिया है।
कुल मिलाकर कुछ कमियों के बावजूद जॉन अब्राहम के एक्शन सीक्वेंस और तकनीकों के जरिए नया करने की कोशिश ने फिल्म को बेहतर बनाया है। “सुरभि सलोनी” की तरफ से “अटैक” को 3 स्टार।
– दिनेश कुमार
[email protected]