- कनिष्ठ अभियंता पर आयुक्त गुमराह कर अनुभवहीन ठेकेदार सातपुते को टेंडर देने का आरोप
वसई। वसई विरार शहर नगरपालिका में एक नाला निर्माण के ठेके को लेकर विवाद हो गया है। इस विवाद की जड़ में कनिष्ठ अभियंता ज्योति को बताया जा रहा है, जिन्होंने आयुक्त को धोखे में रखकर अपने मनमाफिक ठेकेदार को ठेका दे दिया है। जिसके पास नाला निर्माण का पर्याप्त अनुभव नहीं है। आरोप है कि यह सारी प्रक्रिया बहुत ही चालाकी के साथ किया गया क्योंकि कनिष्ठ अभियंता ने काफी मोटी रकम लेकर इस काम को अंजाम दिया है।
सूत्रों से मिली जानाकारी के अनुसार, गास तलाव से लेकर सनसिटी मोड़ तक नाला निर्माण हेतु निविदा संख्या 2021_VVCMC_655499_1 का विज्ञापन किया गया, जिसके लिए तीन ठेकेदारों एरा इंटरप्रायजेज, कल्पतरू इंटरप्राइजेज तथा महेश सातपुते ने निविदा में भाग लिया। उपरोक्त तीनों ही ठेकेदार पीडब्ल्यूडी तथा वसई विरार शहर महानगरपालिका में पंजीकृत हैं। शासनादेश 2018 के अनुसार, अनुमानित रकम की 30 प्रतिशत तक के काम का अनुभव होना अनुवार्य है, जबकि तीनों में से किसी भी ठेकेदार के पास अनुभव नहीं है, जिस कारण निविदा समिति कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी। इसके बाद ज्योति नामक कनिष्ठ अभियंता ने एक साजिश के तहत कुछ फर्जी लोगों से काम त्वरित कराए जाने संबंधी पत्र डलवाए और निविदा खुलवाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई।
सूत्रों ने यह भी बताया कि ये फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र महेश सातपुते से बनवाया और फाइल में लगवाया फिर जब हस्ताक्षर हेतु फाईल आयुक्त के पास गई तो आयुक्त ने चर्चा हेतु फाइल रखने को कहा और शहर अभियंता तथा कार्यकारी अभियंता से चर्चा करना चाहा। इसी बीच कुछ अपत्तियां भी आ गईं। इस दौरान कनिष्ठ अभियंता ने बड़ी ही चालाकी से आयुक्त की टिप्पणी और आपत्ति को छुपाकर 14 मार्च 2022 को आयुक्त से हस्ताक्षर करवा लिए और निविदा को खोल दिया।
सूत्रों ने बताया कि ठेकेदार महेश सातपुते तथा कनिष्ठ अभियंता ज्योति के बीच भागीदारी है तथा इसके लिए महेश सातपुते ने 3 प्रतिशत अर्थात 924000 रुपए की रिश्वत दी है।