मुंबई:यूक्रेन पर रूस के हमले के तीसरे दिन वहां फंसे 219 भारतीय छात्रों को लेकर एअर इंडिया का विमान AI-1943 आज रात 8 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतर गया। विमान ने दोपहर में रोमानिया के बुखारेस्ट से उड़ान भरी थी। इनके लिए मुंबई के एयरपोर्ट पर एक स्पेशल कॉरिडोर बनाया गया है। यहां से बाहर निकलने के लिए यात्रियों को कोविड-19 टीकाकरण का प्रमाणपत्र या RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
मातृभूमि में आपका स्वागत है
यूक्रेन से मुंबई पहुंचे भारतीय स्टूडेंट्स के मुंबई पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विमान में जाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा-‘ मातृभूमि में आप सबका स्वागत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आप सबकी सुरक्षित वापसी के लिए आज यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात की। रूस ने भी भारतीयों की सुरक्षित वापसी की बात कही है। आपको अपने दोस्तों को भी बताना है कि सरकार आपकी भी वापसी करा रही है। और भी फ्लाइट्स आ रही हैं संभवतः सुबह तक। एअर इंडिया की तरफ से आपका स्वागत है। बाद में एयरपोर्ट के लाऊंज में भी उन्होंने इन स्टूडेंट्स से बात की। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिन से प्रधानमंत्री मोदी आप लोगों की बहुत चिंता कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने कई लोगों से बात की।आप अपने यूक्रेन में फंसे साथियों को हिम्मत दें कि उन्हें भी सरकार सकुशल वापस लाएगी।
इसके बाद स्टूडेंट्स को एयरपोर्ट पर नाश्ता आदि करवाकर अपने-अपने घर भेजने का आश्वासन दिया। गोयल के साथ मुंबई नार्थ सेंट्रल सीट से सांसद पूनम महाजन भी थीं। मुबंई पहुंचे स्टूडेंट्स के चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दे रही थी।
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन गंगा के तहत स्टूडेंट्स की वापसी का यह अभियान जारी रहेगा।
उधर, स्लोवाकिया में भारतीय एम्बेसी से एडवाइजरी जारी कर कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय उझारोड़-वायसन नेमेके सीमा से रेस्क्यू किए जाएंगे। वहीं हंगरी में भारतीय एम्बेसी ने भी सीमा से एंट्री की डिटेल एडवाइजरी जारी की है। हंगरी और पोलैंड की सीमा पर तेजी से भारतीय स्टूडेंट पहुंच रहे हैं।
हंगरी सीमा से केवल बस-वैन से ही एंट्री
हंगरी स्थित भारतीय एम्बेसी ने स्टूडेंट्स के लिए जारी एडवाइजरी में कहा है कि हंगरी के झाहोनी-उझोरोड सीमा से एंट्री कराई जाएगी। इसके लिए झाहोनी में एम्बेसी की एक लायजनिंग टीम भेजी है जो लोकल अथॉरिटी के साथ समन्वय बनाएगी। यहां से स्टूडेंट्स को बुडापेस्ट लाया जाएगा। वहां से भारत भेजा जाएगा। एम्बेसी ने साफ किया कि उझोरोड सीमा से हंगरी में एंट्री केवल बस और वैन से ही हो सकेगी। पैदल सीमा पर आने वालों को एंट्री नहीं मिलेगी। सभी को पासपोर्ट, रहने का परमिट, कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट, स्टूडेंट पहचान पत्र रखना होगा। एम्बेसी ने यूक्रेन से हंगरी सीमा पर आ रहे भारतीय स्टूडेंट्स के फोटो, वीडियो भी जारी किए हैं।
उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हमारी टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं। वहीं, रोमानिया में भारतीय राजदूत राहुल श्रीवास्तव ने कहा- भारत सरकार यूक्रेन में फंसे प्रत्येक व्यक्ति को भारत लाने के लिए दिन-रात लगी हुई है। हमारा यह मिशन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक अंतिम व्यक्ति को रेस्क्यू नहीं कर लिया जाता। आप सभी अपनी जिंदगी में 26 फरवरी का ये दिन हमेशा के लिए याद कर लीजिए।
इधर, पोलैंड में भारतीय राजदूत नगमा मल्लिक ने कहा कि दूतावास ने तीन टीमों का गठन किया है। ये टीमें भारतीयों को पश्चिमी यूक्रेन से बाहर निकलने में सहायता करेंगी। सभी फंसे हुए भारतीयों को पोलैंड ले जाया जाएगा, वहां से उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था की जाएगी। यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी कर वहां फंसे भारतीयों से कहा है- सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ न निकलें। पश्चिमी शहरों में खाने-पीने की चीजों के साथ जहां हैं, वहीं बने रहना बेहतर है। बिना कोआर्डिनेशन के बॉर्डर पर पहुंचने से परेशानी उठानी पड़ सकती है। पूर्वी इलाके में अगले निर्देश तक घरों के अंदर या जहां पनाह लिए हैं वहीं रहें। इस बीच हमने यूक्रेन के अलग-अलग शहरों से सीमावर्ती देशों की ओर बढ़ रहे भारतीय छात्रों से बात की है।
स्टूडेंट्स के लिए मुंबई महानगर पालिका की सभी सेवाएं फ्री
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन से हमारे देश के बच्चे वापस आ रहे हैं। इनमें कई राज्यों के बच्चे शामिल हैं। इन सभी के लिए मुंबई महानगर पालिका की ओर से सभी सेवाएं फ्री होंगी और उन्हें उनके घर तक हम पहुंचाएंगे। महाराष्ट्र से भी लगभग 200 से ज्यादा बच्चे हैं जो यूक्रेन में हैं । हम सभी का फ़्री कोविड टेस्ट, टीके, भोजन और अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराएंगे।