- समाज के युवा दृढ़ संकल्प से सिद्धी की ओर आगे बढ़ेः कुनाल सिंघवी
मुंबई: तेरापंथ धर्मसंघ में सर्व प्रथम भारतीय सेना में अपना कैरियर शुरू करने वाले एकमात्र मुलुंड, मुंबई के कुणाल भगवती सिंघवी का जाहिर सत्कार मर्यादा महोत्सव पर आयोजित किया गया। कुनाल सिंघवी ने राष्ट्र के प्रति कुछ कर गुजरने के संकल्प के साथ मई 2021 में भारतीय थल सेना में प्रवेश कर लेफ्टिनेंट पद प्राप्तकर कैरियर प्रारंभ किया।
देश प्रेम की भावना से राष्ट्र के प्रति न्योछावर होने का निर्णय कर सेना में प्रवेश करने वाले युवा पर हमें गर्व है। मुंबई के तेरापंथ धर्म संघ में यू तो डाक्टर,सी ए , इंजीनियरस् अनेक युवा मिल जाएगें लेकिन सर्व प्रथम सेना में प्रवेश करने वाले कुणाल अपने आप में विशिष्ट स्थान रखते हैं।
राजस्थान के चारभुजा गडबोर के कुणाल श्रीमान सुखलाल सिंघवी के पौत्र एवं श्रीमती निर्मला देवी भगवतीलाल सिंघवी के सुपुत्र हैं । पच्चीस वर्षीय कुनाल लगातार स्कुल जीवन से ही से सेना में प्रवेश पाने का सपना संजोए हुए प्रयास रत रहे । मुलुंड कालेज आफ कामर्स से बी.काम,एम.काम, फाइनेंस की पढ़ाई कर,दृढ़ संकल्प,कडी मेहनत एवं इच्छा शक्ति से आगे बढ़ लेफ्टिनेंट पद पर पहूंच अपना सपना साकार किया।
स्वर्ण व्यवसाई राजस्थानी जैन समाज में पले बढ़े परिवार ने कुनाल को सेना में भर्ती केलिए सहज हामी नहीं भरी। लेकिन कुनाल ने पारिवारिक अनेक दबाव के बावजूद हार नहीं मानी। अपने माता-पिता को समझा-बुझाकर अपना कैरियर राष्ट्र को समर्पित किया। अब यह देश का ऐसा वीर सपूत अपना अपने देश एवं तेरापंथ का नाम रोशन करें ।
मुलुंड तेरापंथ समाज ने १५८ वे तेरापंथ धर्मसंघ के मर्यादा महोत्सव पर विशाल कार्यक्रम में कुणाल का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर शासन सेवी साध्वी श्री कैलाशवती जी के सानिध्य में एवं साध्वीश्री पंकज श्रीजी के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। तेरापंथ सभा मुंबई के अध्यक्ष नरेन्द्र तातेड मंत्री विजय पटवारी और अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की तरफ से सह मंत्री भूपेंद्र कोठारी ने कुणाल को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। अपने वक्तव्य में कुणाल ने देश के एवं तेरापंथ धर्म संघ के सभी युवकों को लक्ष्य निर्धारित कर देश के लिए कुछ काम करने के लिए प्रेरित किया। अनेक वक्ताओं ने कुणाल और उनके माता-पिता के इस निर्णय की हार्दिक अनुमोदना की तेरापंथ सभा मुलुंड के अध्यक्ष राकेश टुकलीया ने स्वागत एवं आभार ज्ञापित किया। सभा का सफल संचालन साध्वी शारदाश्री ने किया।