नई दिल्ली:कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश रविवार को बयान सामने आया है। बीसी नागेश ने कहा कहा कि जो छात्र ड्रेस कोड का पालन करने के इच्छुक नहीं है, वो अन्य विकल्प को तलाशने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसी ही यहां (शैक्षणिक संस्थानों में) भी किया जाना है। उन लोगों के लिए सारे विकल्प खुले हैं जो इसका पालन करने को तैयार नहीं है। वो उस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मंत्री ने छात्रों से अपील की कि वो राजनीतिक दलों के लिए ‘टूल’ न बनें। कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने शनिवार को राज्य भर के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सद्भाव और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने का एक सर्कुलर जारी किया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छात्र हिजाब पहनकर स्कूल आ सकते हैं, लेकिन कैंपस के अंदर उन्हें इसे अपने बैग में रखना होगा। आश्चर्य है कि यूनिफॉर्म को लेकर समस्या अचानक क्यों सामने आई जब सभी धर्मों के छात्र वर्दी पहनकर स्कूल में आ रहे थे।
उन्होंने कहा कि पहले कभी ऐसा धार्मिक मतभेद सामने नहीं आया। नागेश के अनुसार, यह परेशानी दिसंबर में शुरू हुई थी जब उडुपी में कुछ बच्चों को यह कहते हुए हिजाब पहनने के लिए उकसाया गया किय शरिया (इस्लामी कानून) इस तरह के ड्रेस कोड को निर्धारित करता है और वे इसका पालन करने के लिए कर्तव्यबद्ध थे।
मंत्री ने आगे दावा किया कि कई बच्चों को ऐसा करने के लिए कहा गया था, लेकिन उनमें से अधिकांश सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा कि उडुपी स्कूल में जो यह घटना हुई, वहां, 92 मुस्लिम बच्चों में से केवल छह लड़कियां हिजाब पहनकर आईं और जहरीला बीज बो दिया। जबकि अन्य स्कूल की यूनिफॉर्म पहनकर आईं थी।