शोभा जितेंद्र मादरेचा, कुर्ला मुम्बई।।
जब कभी हमारा शरीर किसी भी प्रकार के रोग से ग्रस्त होता है हम तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करते है पर आज मैं स्वयं का एक चमत्कारिक अनुभव आप सभी के साथ सांझा करना चाहती हूँ । और हमारे जीवन मे प्रेक्षाध्यान का कितना महत्वपूर्ण रोल होता है यह बताना चाहती हूँ। एलोपैथी के साथ साथ प्रेक्षाध्यान की चिकित्सा पद्धति भी शरीर को स्वस्थ करने में बहुत सार्थक सिद्ध होती है।
कल मेरे पापा कुर्ला निवासी मूलचंद जी मादरेचा की तबियत अचानक बिगड़ गयी । वे जैसे ही सुबह जागे और उठने की कोशिश की पर सुगर लेवल कम होने की वजह से वे हलन चलन नही कर पाए और इसी स्थिति में उनके जबड़े लॉक हो गए और वे बेहोश हो गए ऐसी स्थिति में उन्हें तुरंत हिंन्दुजा हॉस्पिटल ले जाया गया और वहां आपातकालीन चिकित्सा उनको प्रदान करवाई गयी। डॉक्टर्स की काफी कोशिश के बाद शुगर लेवल थोड़ा नॉर्मल हुआ पर उनका जबड़ा लॉक सही नही हो पाया। ऐसी स्थिति में प्रेक्षा प्रशिक्षक श्री परसमलजी दुग्गड़ से इस विषय पर बात हुई और सलाह ली। उन्होंने तुरंत आकाश मुद्रा करने की सलाह दी और साथ ही मध्यमा उंगली को घर्षण देने को कहा । हमने यह मुद्रा पापा से करवाई लगभग 10 घण्टे में उन्होंने अपनी अनुकूलता अनुसार यह मुद्रा की और सुबह जब वे जागे तब मैंने उनका मुहँ देखकर मुझे लगा वे थोड़ा ठीक लग रहे है और जब उनको पूछा तो वे अच्छे से से बोल पा रहे थे । उनका jow unlock हो गया । समय रहते प्रेक्षा ध्यान की आकाश मुद्रा बहुत ही कारगर सिद्ध हुई ।
मैं सभी से एक बात कहना चाहती हूँ कि चिकित्सा में प्रेक्षाध्यान का बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य हो सकता है जो आज हमें गुरुदेव की कृपा से बिना मूल्य के यह सुविधा मिल रही है । सभी इसका जरूर लाभ उठाएं पारस जी भाई साहब 27 वर्षों से कांदिवली में निशुल्क प्रेक्षा ध्यान केंद्र निरंतर नियमित चला रहे हैं।
गुरुदेव की असीम अनुकंपा एवं आशीर्वाद से एक बड़ा चमत्कार वरिष्ठ प्रेक्षा ध्यान
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