मुंबई:संक्रमण की तीसरी लहर के बीच मुंबई में कोरोना के केस कम होने से बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चिंतित है। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि होम टेस्टिंग किट की बिक्री 100 प्रतिशत बढ़ गई है और इसकी वजह से बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो रहे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए BMC ने शुक्रवार को नई गाइडलाइन जारी की हैं।
नए आदेश में घरेलू एंटीजन परीक्षण किटों के निर्माण, आपूर्ति और बिक्री के लिए जिम्मेदार लोगों को हर दिन एक निर्धारित प्रारूप में BMC अधिकारियों और खाद्य व औषधि प्रशासन (एफडीए) को इसका विवरण ईमेल करने का निर्देश दिया गया है। आदेश में कहा गया कि लैब या व्यक्तियों द्वारा मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को रैपिड एंटीजन टेस्ट किट या होम टेस्ट किट का उपयोग करके किए गए सभी कोविड-19 परीक्षणों के परिणामों की रिपोर्ट करना आवश्यक है।
BMC ने कहा है कि कुछ मामलों में होम टेस्टिंग किट के रिजल्ट ICMR को नहीं बताए गए हैं, जिससे संक्रमितों को ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है और संक्रमण बढ़ रहा है।
नए दिशानिर्देशों के तहत
- होम टेस्टिंग किट के निर्माताओं और वितरकों को एफडीए आयुक्त और BMC को मुंबई में केमिस्टों और मेडिकल स्टोरों को बेची जाने वाली किटों की संख्या के बारे में विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
- केमिस्ट और मेडिकल स्टोर्स को ग्राहकों को बेचे जाने वाले टेस्ट किट का विवरण प्रतिदिन शाम छह बजे तक निर्धारित प्रारूप में ईमेल करने का निर्देश दिया गया है।
- एफडीए आयुक्त मुंबई में सभी केमिस्टों और मेडिकल स्टोरों के किटों के वितरण और बिक्री की निगरानी करेंगे और उन्हें ग्राहकों को दिए गए एप पर टेस्टिंग के रिजल्ट की रिपोर्ट करने के लिए सूचित करने के लिए कहेंगे।
ऐसे होगी होम टेस्टिंग किट की निगरानी
- बीएमसी की महामारी विज्ञान प्रकोष्ठ और वार्ड टीमों की भूमिका को भी परिभाषित किया गया है। महामारी विज्ञान प्रकोष्ठ को निर्माताओं, वितरकों, केमिस्टों, फार्मेसी, मेडिकल स्टोर और अन्य सोर्स से ईमेल के माध्यम से प्राप्त डेटा की निगरानी करनी होगी।
- इसे आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित वार्ड और स्वास्थ्य के चिकित्सा अधिकारियों को अग्रेषित करना होगा।
- वार्ड की टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि लोग अपने रिजल्ट आइसीएमआर वेबसाइट या एप्लिकेशन पर अपलोड करें और मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी करें।
इसलिए जरुरी है रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT)
बीएमसी की नई गाइडलाइन पर मुंबई के मसीना अस्पताल की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. तृप्ति गिलाडा ने कहा कि यह सच है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) का व्यापक उपयोग और इसकी नॉन -रिपोर्टिंग हमें वर्तमान लहर की सही तस्वीर नहीं दिखा रहा है। लक्षणों वाले अधिकांश लोगों का परीक्षण नहीं हो रहा है और कई पहले से ही घर पर RAT कर रहे हैं। दरअसल स्थिति इतनी गंभीर है कि आरटी-पीसीआर में करीब 72 घंटे लग जाते हैं और जब तक परिणाम ज्ञात होता है, संक्रमण फैल जाता है। ऐसी कंडीशन में RAT अच्छी चीज है, लेकिन इसकी रिपोर्टिंग जरुरी है।