नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार का दर्जा प्रदान करने वाले आर्टिकल 370 को 5 अगस्त, 2019 को हटा दिया गया था। इसे हटाए जाने के बाद से अब तक कश्मीर में 366 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है। यह जानकारी गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में दी है। मंत्रालय ने बताया कि आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान 81 जवान शहीद हुए हैं और 96 आम लोगों की जानें गई हैं।
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में बताया, आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद कोई भी कश्मीरी पंडित या हिंदू परिवार घाटी छोड़कर नहीं गया है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने एक सवाल किया था जिसके जवाब में गृह मंत्रालय की तरफ से यह जवाब आया है। राय ने उच्च सदन को आगे बताया कि आर्टिकल 370 के हटने के बाद घाटी से किसी भी कश्मीरी पंडित/हिंदू को विस्थापित नहीं किया गया है। हालांकि, हाल ही में कश्मीर में रहने वाले कुछ कश्मीरी पंडित परिवार, ज्यादातर महिलाएं और बच्चे जम्मू क्षेत्र में चले गए हैं। ये परिवार सरकारी कर्मचारियों के हैं, जिनमें से कई लोग अधिकारियों के साथ शैक्षणिक संस्थानों में सर्दियों की छुट्टी के दौरान जम्मू विस्थापित हो जाते हैं।
मंत्रालय ने सदन को यह भी बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के 490 उम्मीदवारों को दिल्ली पुलिस में भर्ती किया गया है। ये भर्तियां 2016 और 2018 में की गई थीं। नित्यानंद राय ने बताया कि दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल (कार्यकारी) के खाली पदों को भरने के लिए सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों से विशेष भर्ती अभियान के जरिए कुल 490 उम्मीदवारों (2016 और 2018 में) का चयन किया गया था।