- सबके प्रति रखें अहिंसा और मैत्री के भाव: आचार्य महाश्रमण
- आपके संदेशों से बदल रही है युवा पीढ़ी: पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा
- ज्योतिचरण के चरणरज से पावन हुआ बेगूं, भव्य स्वागत जुलूस से किया अपने आराध्य का अभिनंदन
25.11.2021, गुरुवार, बेगूं, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)। गुरुवार को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे व पूर्व मंत्री श्री श्रीचंद कृपलानी आदि जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री ने आचार्यश्री को श्रद्धापूर्वक वन्दन कर आचार्यश्री के श्रीचरणों में एक भक्त की भांति बैठ गईं। आचार्यश्री से संक्षिप्त वार्तालाप के क्रम के उपरान्त आचार्यश्री ने उन्हें पावन पथदर्शन के साथ मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
आचार्यश्री के दर्शन व संक्षिप्त वार्तालाप व प्रेरणा के उपरान्त पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अपनी आस्थासिक्त भावनाओं की अभिव्यक्ति देते हुए कहा कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि आपश्री के बार-बार दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। आपकी अहिंसा यात्रा के संदेशों का प्रभाव आज की युवा पीढ़ी में दिखाई देने लगा है। आपकी प्रेरणा से सबका कल्याण हो रहा है। आप अपनी राजस्थान की यात्रा के दौरान शाहजहांपुर की ओर से भी पधारें ताकि आपश्री की सेवा का विशेष अवसर हमें भी प्राप्त हो सके। आपके संदेश से पूरी राजस्थान की जनता का कल्याण हो, पूरे राजस्थान पर आपकी कृपादृष्टि बनी रहे, मैं ऐसी कामना करती हूं। वे पुनः आचार्यश्री से मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया और अपने गंतव्य को रवाना हो गईं।
इसके पूर्व शान्तिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने गुरुवार को प्रातः सन वैली द स्कूल से बेगूं की ओर मंगल प्रस्थान किया। आज बेगूंवासियों का मानों भाग्योदय हो रहा था। यह उनके लिए प्रथम अवसर था जब तेरापंथ का कोई आचार्य उनके आंगन में पधार रहे थे। बेगूं की सीमा प्रारम्भ होते ही सैंकड़ों श्रद्धालु स्वागतार्थ खड़े थे। भव्य जुलूस के साथ आचार्यश्री बेगूं के विभिन्न गलियों आदि से होते हुए लोगों को मंगल आशीष प्रदान करते हुए बेगूं स्थित आदर्श विद्या मंदिर में पधारे। वहां उपस्थित विद्यार्थियों व शिक्षकों को मंगल उद्बोधन प्रदान किया। परिसर में विद्यालय के संबंधित पदाधिकारियों ने आचार्यश्री महाश्रमण सभागार व उसमें अटल टिंकरिंग लैब का शुभारम्भ किया।
तत्पश्चात आचार्यश्री भव्य जुलूस के साथ प्रातः के मंगल प्रवचन कार्यक्रम के लिए बेगूं स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की चल पड़े। अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी के स्वागतार्थ मानों पूरे बेगूं की जनता उमड़ पड़ी थी। यह स्वागत जुलूस सद्भावना की मिशाल पेश कर रहा था क्योंकि इसमें तेरापंथी, जैनी व अन्य किसी समाज का भेद करना मुश्किल दिखाई दे रहा था, क्योंकि सभी का उत्साह एक-सा दिखाई दे रहा था। सभी आचार्यश्री के दर्शन कर रहे थे और हर्षित हो रहे थे। आचार्यश्री मेवाड़ स्तरीय मंगलभावना व प्रातः के मुख्य प्रवचन कार्यक्रम के लिए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में पधारे। आचार्यश्री के मंगल महामंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। बेगूं तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री मदन डांगी, मंत्री श्री संदीप डांगी, समस्त ओसवाल समाज के अध्यक्ष श्री बिरदीचंद कोठारी, श्रमण संघ के अध्यक्ष श्री बलवंतसिंह सुराणा, दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष श्री अभयकुमार लुहाड़िया, बेगूं नगरपालिका चेयरमेन श्रीमती रंजना शर्मा, वाइस चेयरमेन श्री पीयूष बाबेल, मूर्तिपूजक समाज के श्री विजय नागौरी, श्री नेमीचंद डागी, पूर्व विधायक श्री विवेक धाकड़, श्री नरेन्द्र पुरोहित, श्री राजकुमार फत्तावत, श्री भेरुलाल बाफना आदि ने अपनी श्रद्धासिक्त अभिव्यक्ति दी। बेगूं महिला मण्डल व डांगी परिवार की महिलाओं ने गीत के माध्यम से अपने आराध्य का अभिनन्दन किया।
आचार्यश्री ने समुपस्थित जनमेदिनी को मंगल प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि आदमी में सबके प्रति अहिंसा और मैत्री का भाव रखने का प्रयास करना चाहिए। समस्त ग्रन्थों का सार है प्रेम, मैत्री, अहिंसा। इसलिए आदमी को सारभूत ज्ञान को ग्रहण कर उसका सम्यक पालन करने का प्रयास करना चाहिए। सम्यक ज्ञान और सम्यक आचार हो तो आदमी का जीवन अच्छा बन सकता है। ज्ञान का कोई अंत नहीं है, इसलिए आदमी को सारभूत ज्ञान को ग्रहण करने और उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।
आचार्यश्री ने बेगूंवासियों को अहिंसा यात्रा की अवगति प्रदान कर अहिंसा यात्रा के तीनों संकल्पों को स्वीकार किया तो समुपस्थित जनमेदिनी ने सहर्ष श्रीमुख से अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी को स्वीकार कर अपने जीवन को धन्य बनाया।