- दुर्गम मार्ग से भी जनकल्याण को गतिमान हुए महातपस्वी महाश्रमण
- लगभग तेरह किलोमीटर का विहार कर पहुंचे आमां
- बड़लियास महाराज दिलीप ने किए आचार्यश्री के दर्शन
21.11.2021, रविवार, आमां, भीलवाड़ा (राजस्थान)। जन-जन का कल्याण करने का संकल्प लिए पचास हजार किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा करने के उपरान्त भी निरंतर गतिमान जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य, मानवता के मसीहा, शान्तिदूत रविवार को कीचड़-पानी से भरे ऊबड़-खाबड़ मार्ग से लगभग तेरह किलोमीटर का विहार कर भीलवाड़ा जिले के आमां गांव में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में पधारे। इसके पूर्व अपनी अहिंसा यात्रा का कुशल नेतृत्व करते हुए आचार्यश्री रविवार को प्रातः मंगरोप से मंगल प्रस्थान किया। गत चार दिनों से हो रही बरसात भले बन्द थी, किन्तु आसमान में बादल भी छाए हुए थे और शरद ऋतु के कारण हल्का कोहरा भी छाया हुआ था। आचार्यश्री कठिन मार्ग में आने वाले अनेक गांवों के ग्राम्यजनों व श्रद्धालुओं पर आशीष वृष्टि करते लगभग ग्यारह बजे विद्यालय परिसर में पधारे। आमां ग्रामवासियों तथा विद्यालय से संबंधित लोगों ने आचार्यश्री का भावभीना अभिनन्दन किया।
विद्यालय परिसर में आयोजित प्रातःकाल के मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में आचार्यश्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंगल पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि एक सूक्त कहा गया है कि जैसी करनी वैस भरनी अर्थात् आदमी जैसा करता है, वैसा फल पाता है। जो आदमी अच्छा कर्म करता है, उसे अच्छा फल प्राप्त होता है और जो बुरा करता है, उसे बुरा फल प्राप्त होता है। जो जैसी फसल बोएगा, वैसी ही फसल काटेगा। आचार्यश्री ने एक कथानक के माध्यम से उपस्थित लोगांे को अभिप्रेरित करते हुए कहा कि जितना संभव हो सके, आदमी को किसी का बुरा करने अथवा सोचने से भी बचने का प्रयास करना चाहिए। आदमी को अपने जीवन में शुभ कार्य करने किसी की भलाई करने, किसी का कल्याण करने, उपकार करने का प्रयास करना करना चाहिए।
मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री ने अहिंसा यात्रा की अवगति प्रदान कर ग्रामीणों को उत्प्रेरित किया तो समुपस्थित ग्रामीणों ने सहर्ष अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी श्रीमुख से स्वीकार की। आचार्यश्री के दर्शन करने पहुंचे बड़लियास के महाराज श्री दिलीपसिंह ठाकुर ने अपनी भावाभिव्यक्ति देते हुए कहा कि यह हम सभी का परम सौभाग्य है जो आपश्री जैसे संत के दर्शन करने व आपकी मंगलवाणी श्रवण करने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने आचार्यश्री से निवेदन करते हुए कहा कि आप जब कर बड़लियास पधारें तो आप हमारे निवास स्थान पर भी अवश्य पधारें तो हमसब कृतार्थ बन सकते हैं।
आचार्यश्री ने उन्हें मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इसके उपरान्त स्थानीय नेता व गोसेवा से जुड़े श्री राघव सोमानी ने पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर वल्लभ भाई कथीरिया का पत्र जो आचार्यश्री की अभ्यर्थना में लिखा गया था, उसका वाचन कर उसे श्रीचरणों में प्रस्तुत किया। विद्यालय की ओर से श्री विशालजी, आमां गांव निवासी श्री विनोद चण्डालिया व श्री मुकेश रांका ने भी अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी।