- दो दिवसीय दक्षिणांचल विराट युवा सम्मेलन का हुआ आगाज
चेन्नई। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान, तेरापंथ युवक परिषद्, चेन्नई की आयोजना में, साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में पिरीयार टिडाल, व्येपेरी, चेन्नई में दो दिवसीय दक्षिणांचल विराट युवा सम्मेलन का आयोजन हुआ। युवाओं को विराट सम्बोधन सम्प्रेषित करती हुई साध्वी अणिमाश्रीजी ने कहा कि हमारे मन में गणभक्ति और गुरु भक्ति का दरिया लहराता रहे। हमारी श्रद्धा-भक्ति, हमारी वाणी-व्यवहार में मुखरित होनी चाहिए। हमारी आस्था चट्टान से भी मजबूत होनी चाहिये। हमें होश और जोश के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जोश तो जन्म से ही रहता है, होश को साथ में जोड़ किया जाने वाला कार्य सफल निष्पत्ति को प्राप्त करता है।
संस्कारों का सम्पोषण चलता रहे
साध्वीश्री ने विशेष प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि जिन्दगी का प्रकाश है – हमारे संस्कार, श्रद्धा, समर्पण। संस्कारों के सम्पोषण में हमारे माता-पिता ने अमूल्य योगदान दिया, तभी हम यहां पहुंचे हैं। अतः युवाओं को संस्कार रुपी प्रकाश के पथ पर चलना चाहिए, गतिशील बनना चाहिए। हम बिजी रहे, साथ में इजी रहें। अपनी भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए कम से कम सप्ताह में एक बार परिवार, बच्चों के साथ बैठकर संस्कारों का बीजारोपण करना चाहिए।
उमंग के साथ जीवन में भरे नव रंग
साध्वी श्री ने आह्वान किया कि युवा शक्ति गुरु के आदेश, निर्देश पर समर्पित रहे। शक्ति का संवर्धन करती रहे। उमंग के साथ जीवन में नव रंग भरें। आपने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति तब तक सुरक्षित है, जब तक गुरु का, भगवान का उस पर हाथ है, उनका सम्यक् आशीर्वाद उसके साथ है। कपिध्वज पर हनुमानजी के बैठे रहने के कारण अर्जुन का रथ पुरे युद्ध काल में सुरक्षित रहा। हमें आवेश, आवेग, प्रभाव में आकर कोई ठोस निर्णय नहीं लेना चाहिए, जिससे बाद में पछताना पड़े।
युवा को नहीं रोक पाती आपदा-विपदा : पंकज डागा
अभातेयुप अध्यक्ष श्री पंकज डागा ने युवाओं में जोश का शंखनाद करते हुए कहा कि युवा जब किसी कार्य को अपने कंधों पर ले लेता है, कार्य करने का निर्णय ले लेता है, उस ओर गतिशील हो जाता है। तब वह, तब तक चैन से नहीं बैठता, जब तक वह उसे निष्पत्ति तक नहीं पहुंचा पाता। आंधी, तूफान, साइक्लोन या अन्य कोई आपदाएं उसे रोक नहीं पाती। आपने कहा कि ये युवा सम्मेलन अपने साथियों को आगे बढ़ाने वाले, अपनी पहचान बनाने वाले होते हैं। हम धर्म संघ के साथ जुड़ कर स्वयं अपना भी निर्माण कर सकते हैं। संगठन छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ता है। हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं, स्वयं समय के साथ आगे बढ़े, क्योंकि यह समय निकल गया तो वापस आने वाला नहीं है। हमें यह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य योनी मिली है। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ मिला है, आचार्य महाश्रमणजी जैसे हमारे जीवन निर्माता गुरु मिले हैं। अब हमारा दायित्व होना चाहिए, आत्मीय कर्तव्य होना चाहिये कि हम संकल्प, विजन के साथ गण और गणपति की आज्ञा को आराधते हुए संकल्पों को शिखरों पर पहुचाये।
संघ संगठन की गतिविधियों में सहभागी युवा शक्ति : पवन माण्डोत
अभातेयुप महामंत्री पवन माण्डोत ने कहा राष्ट्रीय अधिवेशन में सीमा के कारण कम संख्या में युवा पहुंच पाते हैं। उसी को मद्देनजर रखते हुए ये क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है, जिससे युवा नजदीक से संघ, संगठन की गतिविधियों को जान उसमें सहभागी बन सकता हैं। शानदार सुव्यवस्थित संचालन करते हुए साध्वी डॉ सुधाप्रभा एवं साध्वी मैत्रीप्रभा ने कहा युवाओं में युग धाराओं को मोड़ने की शक्ति होती है। अभ्युदय की अभिनव दिशा की उद्घाटक है युवा शक्ति। चेतना के शंखनाद जागरण का नाम है युवा शक्ति। अभातेयुप पुर्वाध्यक्ष पन्नालालजी टाटिया ने कहा युवा आत्मा के विकास, सम्यक्त्व की सुरक्षा के साथ देश, समाज सेवा में सलग्न बने। अभातेयुप पुर्वाध्यक्ष गौतमचन्द डागा, उपाध्यक्ष जयेश मेहता, सहमंत्री अनन्त बागरेचा, भूपेश कोठारी ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। सुश्री हिमानी ने अपने ओजस्वी शैली में हैप्पीनेस के सूत्रों का प्रतिपादन किया।
प्रातःकाल शुभवेला में अभातेयुप अध्यक्ष ने जैन ध्वाजारोहण किया। साध्वीश्री के मंगल मंत्रोच्चार एवं अभातेयुप अध्यक्ष पंकज डागा की उद्घोषणा के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई। तेयुप मैसूर ने मंगल संगान, कन्या मण्डल ने स्वागत गीत, तेयुप चेन्नई ने उंमग गीत की प्रस्तुति दी। सम्मेलन संयोजक विकास कोठारी ने संयोजकीय व्यक्तव्य, अध्यक्ष मुकेश नवलखा ने स्वागत स्वर, अभातेयुप वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश डागा, कोषाध्यक्ष भरत मरलेचा ने अभिनन्दन स्वर प्रस्तुत किये। तेयुप किशोर मण्डल ने रोचकपूर्ण अन्दाज में अभातेयुप की अब तक की यात्रा को सुन्दर चित्रण के साथ प्रस्तुति दी। मंत्री संतोष सेठिया ने संचालन किया एवं सभी अभातेयुप पदाधिकारियों का परिचय दिया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा, महिला मण्डल, अभातेयुप जेटीएन के साथ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। अर्थ विसर्जन कर्ताओं को तेयुप द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम सहसंयोजक दिलीप गेलड़ा ने दानदाताओं का परिचय दिया। दक्षिण भारत की तेयुप शाखाओं से 150 से ज्यादा युवा साथियों ने सम्मेलन में सहभागिता दर्ज करवाई।