नई दिल्ली। ट्रांसजेंडर फोक डांसर मंजम्मा जोगती को इस बार पद्म श्री पुरस्कार मिला है। कई लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकीं मंजम्मा कर्नाटक जनपद अकादमी की पहली ट्रांसजेंडर अध्यक्ष भी हैं। पद्म श्री पुरस्कार लेते वक्त मंजम्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अनोखे अंदाज में अभिवादन किया। इसे देखकर दरबार हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस साल के पद्म पुरस्कारों की लिस्ट में 7 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। इनमें से 29 पुरस्कार विजेता महिलाएं, 16 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता और मंजम्मा इकलौती ट्रांसजेंडर पुरस्कार विजेता हैं।
कौन हैं मंजम्मा जोगती?
कर्नाटक के बेल्लारी जिले में कल्लुकंब गांव में 50 के दशक में मंजूनाथ शेट्टी (मंजम्मा जोगती) का जन्म हुआ। साल 2006 में मंजम्मा जोगती को कर्नाटक जनपद अकादमी अवॉर्ड दिया गया। फिर साल 2010 में कर्नाटक राज्योत्सव सम्मान। आज वह ‘कर्नाटक जनपद अकादमी’ की पहली ट्रांसजेंडर अध्यक्ष हैं। अब तक इस पद पर सिर्फ पुरुष ही चुने जाते थे। यह अकादमी साल 1979 में बनी थी। इस संस्था का काम राज्य में लोक कला को आगे बढ़ाना है।
जब भाई ने खंभे से बांधकर पीटा
मंजूनाथ ने जब स्कूल जाना शुरू किया तो उसके हाव-भाव और रहन-सहन लड़कियों जैसे थे। उसे लड़कियों के साथ रहना पसंद था। उनके साथ खेलना और डांस करना भी। वह अक्सर अपनी कमर पर तौलिया बांधता और ऐसे महसूस करता, जैसे वह तौलिया नहीं स्कर्ट हो। मंजूनाथ के भाई को लगा कि उस पर माता आ गई है। माता उतारने के लिए उसने मंजूनाथ को खंभे से बांध दिया और खूब मारा। उन्हें डॉक्टर और फिर पुजारी के पास ले जाया गया। पुजारी ने कहा कि इसके पास दैवीय शक्ति है।
ट्रांसजेंडर फोक डांसर को पद्म श्री:कर्नाटक की मंजम्मा जोगती ने राष्ट्रपति का अनोखे अंदाज में किया अभिवादन, तालियों से गूंज उठा दरबार हॉल
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