नई दिल्ली: दिल्ली में सीलिंग केस में बीजेपीअध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी की मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के गोकुलपुर में एक गांव की सीलिंग तोड़ने के मामले में एक हफ्ते भीतर जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मॉनिटरिंग कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर मनोज तिवारी को अवमानना का नोटिस जारी कर रखा है। इस मामले में आज मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवई 8 अक्टूबर को करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के उस बयान पर जताई नाराजगी जिसमे कहा था कि एक हजार जगहें ऐसी हैं, जिसमें सील लगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी, कहा सुबह तक उनकी लिस्ट दें, हम आपको सीलिंग अफसर ही बना देते है।’ हालांकि तिवारी के वकील विकाश सिंह ने कहा कि ये लिस्ट न मांगी जाय ये सांसद हैं। तब कोर्ट ने कहा कि सांसद हैं तो कुछ करेंगे।
इससे पहले जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी को 25 सितंबर को पेश होने का निर्देश दिया था। बेंच ने यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि ने शीर्ष अदालत के आदेशों की अवहेलना करने का प्रयास किया।
सीलिंग केस में मनोज तिवारी की मुश्किल बढ़ी
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