मुंबई। आ. रविशेखरसूरीश्वरजी म. सा. की निश्रा में नेमानी वाड़ी, ठाकुरद्वार के प्रांगण में प्रथम बार “पर्वाधिराज पर्व पर्युषण वधामणा” के भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आ. रविशेखरसूरीश्वरजी ने पर्व पर्युषण की महिमा बताते हुए समझाया के 8 दिन के पर्व के दौरान ऐसी प्रवृतियों का त्याग करना चाहिए जिनको पाप की श्रेणी में रखा गया हैं और धर्म आराधना, क्रिया, आदि में जुड़ना चाहिए जिससे इन पवित्र दिनों में उच्च से उच्च कोटि का पुण्य उपार्जन हो सके। पर्व के दिनों में त्याग, अहिंसा, समता, सद्भाव, समर्पण, क्षमा, आदि भावों के साथ धर्म आराधना करके आत्मा का कल्याण करना चाहिए। पर्व पर्युषण के 5 कर्तव्यों के बारे में भी समझाया के हर श्रावक को कम से कम पर्युषण पर्व दौरान पांचों कर्तव्यों का पालन करना ही चाहिए। चौद स्वपन, कल्प वृक्ष और पारणाजी को मंच पर सजाया गया और फूलों और पत्तियों से सजावट की गई, विशाल गहुली भी बनाई गई और कार्यक्रम के अंत में रंग-बिरंगे अक्षत के साथ फूलों और मोतियों से सबकी वधामणा करके कार्यक्रम को सफलता के साथ पूर्ण किया गया।
कार्यक्रम के लाभार्थी शा. शांतिलालजी केशरीमलजी परिवार (चरली – मुंबई) वालो के बहुमान के साथ कार्यक्रम की शुरुवात की गई और कार्यक्रम में स्वर प्रस्तुति संगीतकार हार्दिकभाई शाह (सुरत) की रही।
किशन सिंघवी और कुणाल शाह के अनुसार इस कार्यक्रम में ठाकुरद्वार संघ के पदाधिकारी और समर्पण ग्रुप के कार्यकर्ताओं के अलावा सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही। वहीं पावापुरी तीर्थ (सिरोही) ट्रस्ट के सेठ श्रीमान किशोर भाई संघवी, ट्रस्टी नवलमल भाई तातेड और पारस भाई आचार्य श्री रविशेखरसूरीश्वरजी म. सा. के दर्शन-वन्दन करने पधारे और पावापुरी तीर्थ में उपधान तप के लिए विनंती की।
नेमानी वाड़ी में पर्वाधिराज पर्व पर्युषण वधामणा के कार्यक्रम का आयोजन
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