रेलमगरा के तेरापंथ भवन में महानपस्वी आचार्य महाश्रमण जी के आज्ञानुवती मुनि संजय कुमार के सानिध्य एवं मुनि प्रकाश कुमारजी एवं मुनि सिद्ध प्रज्ञ के कुशल निर्देशन में पहलीबार भक्तामर महा अनुष्ठान का सफल आयोजन तेरापंथ सभा रेलमगरा द्वारा किया गया। मुनि संजय कुमार ने कहा भक्तामर आचार्य मान तुंग द्वारा संस्कृत भाषा का अद्भूत चमत्कारी स्रोत है।
इसमें कुल 48 श्लोक, 2688 अक्षर है। इसके विधिवत अनुष्ठान से मनइच्छित कार्य होते है। मुनि प्रकाश कुमार जी ने शुद्ध उच्चारण करते हुए सामुहिक संधान कराया। 60 लोगों ने भाग लिया। मुनि सिद्ध प्रज्ञा ने ऋद्धि मंत्रो का प्रभावी ढंग से प्रयोग कराते हुए भक्तामर से होने वाले शारीरिक, मान सिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक लाभ की जानकारी दी।
तेरापंथ सभाध्यक्ष मुकेश मेहता ने आभार व्यक्त किया। अशोक मेहता की ओर से अल्पाहार की सुंदर व्यवस्था की गई कशोर मंडल के संयोजक मोक्ष सोनी एवं सेवादार सुरेश देसाई आदि का सहयोग रहा। अनुष्ठान को श्रद्धालु जनों ने बहुत सरहाना की ये जानकारी सभा मंत्री रमेश ढालावत ने दी।
रेलमगरा में पहली बार हुआ अद्भुत महा अनुष्ठान
Highlights
- भक्तामर की महिमा अपरम्पार: मुनि प्रकाश कुमार
- रीद्धि, सिद्धि एवं वृद्धि कारक भक्तामर महा अनुष्ठान: मुनि सिद्ध प्रज्ञ

