नई दिल्ली:पाकिस्तानी नागरिक जैश कमांडर कामरान को ढेर करने के साथ ही घाटी में जैश के आतंकियों के खात्मे का अभियान तेज कर दिया गया है। सुरक्षा बलों ने शीर्ष 25 आतंकियों की सूची बनाई है। इन्हें एक महीने के भीतर निपटाने का लक्ष्य रखा है। जैश के करीब 60 आतंकियों के घाटी में होने की खबर है। इनमें आधे से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकी हैं। सुरक्षा बल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जैश का घाटी में पूरा खात्मा करने का लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जाएगा। इसके लिए कई चरणों में ऑपरेशन की रुपरेखा तय की गई है।
कई स्तरों पर अभियान
सूत्रों ने कहा कि कई स्तरों पर आतंकी गतिविधियों के खिलाफ अभियान की रणनीति पर काम हो रहा है। सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा बलों का एक ही संकल्प है घाटी में आतंकवाद को ऐसी चोट पहुंचानी है जिससे वे उबर न पाएं इसके लिए कोई भी कीमत सुरक्षा बलों को क्यों न चुकानी पड़े।
शीर्ष स्तर पर चल रही तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की भूमिका को देखते हुए कड़ा संदेश देने की रणनीति पर भी काम हो रहा है। शीर्ष स्तर पर तैयारियां संकेत दे रही हैं कि सीमा पार से मिले निर्देश पर देश की सुरक्षा को चुनौती देने वाले बड़े हमले का जवाब देने पर सरकार बहुत गंभीर है। प्रधानमंत्री कार्यालय को हर दिन का अपडेट भेजा जा रहा है।
आतंकी हमलों में बढ़ोतरी
2017 की तुलना में 2018 में करीब 80 फीसदी ज्यादा आतंकी हमले हुए। वर्ष 2015 को छोड़कर हर साल आतंकी हमलों का आंकड़ा बढ़ता रहा है। वर्ष 2014 में 222 आतंकी हमलों की तुलना में वर्ष 2018 में 614 हमले हुए हैं। आतंकी हमलों में यह बढ़ोतरी करीब 177 फीसदी के आसपास है।
जवानों की शहादत बढ़ी
पांच साल में करीब 339 सुरक्षा बल के जवानों ने आतंकी हमलों में अपनी जान गंवाई है। वर्ष 2014 में 47 जवानों की तुलना में वर्ष 2018 में करीब 94 फीसदी ज्यादा 91 जवानों की शहादत मुठभेड़ में हुई।
134% ज्यादा आतंकी मारे
वर्ष आतंकी ढेर
2014 110
2018 257
मसूद अजहर का रिश्तेदार भी ढेर
मारे गए आतंकियों में जैश सरगना मसूद अजहर के नजदीकी रिश्तेदार भी शामिल थे।