फिल्मः तन्वी द ग्रेट, निर्देशकः अनुपम खेर, कलाकारः अनुपम खेर, शुभांगी दत्त, पल्ल्वी जोशी, जैकी श्रॉफ, बोमन ईरानी एवं अरविन्द स्वामी आदि, रेटिंगः ⭐⭐⭐(3 स्टार)
दिनेश कुमार/सुरभि सलोनी,
मशहूर अभिनेता अनुपम खेर द्वारा निर्मित एवं निर्देशित फिल्म तन्वी द ग्रेट आज यानि 18 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म एक ऑटिस्टिक लड़की तन्वी की कहानी पर आधारित है, जिसके पिता और दादा फ़ौजी रह चुके हैं। उसके मन में फ़ौज जॉइन करने का ख्याल आता है क्योंकि उसके पिता का सियाचिन में तिरंगे को सलाम करने का सपना अधूरा रह जाता है और वे सियाचिन पहुँचने से पहले ही रास्ते में शहीद हो जाते हैं। फिल्म में अनुपम खेर, शुभांगी दत्त, पल्ल्वी जोशी, जैकी श्रॉफ, बोमन ईरानी एवं अरविन्द स्वामी की मुख्य भूमिका है। यह एक इमोशनल ड्रामा फिल्म है। थियेटर में फिल्म शुरु होने से पहले अनुपम खेर ने फिल्म से सम्बन्धित अपने भी इमोशन पत्रकारों के साथ शेयर किया और बताया कि किन परिस्थितियों के बीच फिल्म बनकर तैयार हुई।
कहानी: तन्वी (शुभांगी दत्त) के पिता कैप्टन समर रैना (किरण टैकर) मेजर श्रीनिवास (अरविन्द स्वामी) के साथ सियाचिन बॉर्डर पर जा रहे होते हैं, उसी दौरान तन्वी का उन्हें फोन आता है। तन्वी बात करती है और उसी समय अपने पिता से कहती है पापा “जय हिंद” जोर से बोलना चाहिए और वे जोर से “जय हिंद” बोलकर फोन कट करते हैं और मेजर श्रीनिवास से कहते हैँ – सर मेरी बेटी है। देश को लेकर काफी इमोशनल है। इस पर मेजर श्रीनिवास पूछते हैं उसका नाम क्या है तो कैप्टन रैना बताते हैं – तन्वी। इसी दौरान जोर से ब्लास्ट होता है। कहानी आगे बढ़ती है। तन्वी ऑटिस्टिक है, इसलिए उसका व्यवहार ही अलग है, लेकिन उसकी मां विद्या रैना (पल्ल्वी जोशी) उसे एक्स्ट्रा ऑर्डनेरी बताते हुए बड़े सलीके से संभालती हैं। इस बीच एक सम्मिट के लिए विद्या को यूएस जाना होता है इसलिए वह तन्वी को उसके दादा कर्नल प्रताप रैना (अनुपम खेर) के पास उत्तराखंड स्थित लैंड्स टाउन (काली डंडा) छोड़ती हैं और वहीं से शुरु होती है तन्वी के तन्वी द ग्रेट बनने की कहानी।
निर्देशन, अभिनय व गीत: लम्बे समय बाद अनुपम खेर ने निर्देशन में वापसी की है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता। एक-एक सीन बड़े सलीके से बुना है। लोकेशन से लेकर हर मोमेंट का खूब ख्याल रखते हुए फिल्म को बेहतर बनाने के लिए पूरी कोशिश की है और इसमें वे कामयाब रहे हैं। हालांकि कई चीज़ें जो वास्तव में संभव नहीं हैं, उन्हें फिल्म में संभव किया गया है, उसे ड्रामा कहें या इस इमोशनल फिल्म की कमजोरी भी कह सकते हैं।
अभिनय के मामले में सुभांगी दत्त ने बेहतरीन अदाकारी की है, हर सीन को सुभांगी ने नेचुरल बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। ऑटिस्टिक तन्वी का किरदार बेहद चैलेंजिंग था, जिसे सुभांगी ने स्वीकार किया और निभाया भी है। अनुपम खेर एक अच्छे अभिनेता हैं, अपनी इस खूबी को उन्होंने यहाँ भी बरकरार रखा है। पल्ल्वी जोशी विद्या के किरदार में वह छाप छोड़ने में नाकाम रहीं, जिसकी लोगों को उम्मीद थी। जबकि बोमन ईरानी, जैकी श्रॉफ, अरविन्द स्वामी आदि कलाकारों ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है।
फिल्म में संगीत एम एम किरवानी का है, गीत सुरीले हैं। फिल्म देखते समय अच्छे भी लगते हैं, लेकिन फिल्म देखने के बाद इन्हें याद रख पाना मुश्किल है।
कुल मिलकर सीनियर व शानदार अभिनेता अनुपम खेर ने बेहतरीन कोशिश की और वे सफल भी रहे। इसकी तारीफ की जानी चाहिए लेकिन इंटरटेनमेंट के लिहाज से यह इमोशनल ड्रामा उतना प्रभावी नहीं हो पाती जिसकी लोगों को उम्मीद थी।
फिल्म “तन्वी द ग्रेट” को सुरभि सलोनी की तरफ से ⭐⭐⭐ (3 स्टार)

