नई दिल्ली:अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के साथ भाजपा शासित तीन राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा व झारखंड के विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। भाजपा ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही इन राज्यों की सरकारों ने भी अपनी लंबित योजनाओं को तेजी से पूरा करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र व हरियाणा की विधानसभाओं का कार्यकाल नवंबर 2019 तक है, जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल जनवरी 2020 तक है।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा व सिक्किम की विधानसभाओं के भी चुनाव होने हैं। इनमें केवल अरुणाचल प्रदेश में ही भाजपा की सरकार है, जबकि सिक्किम में एनडीए की सहयोगी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार जिन राज्यों (महाराष्ट्र, हरियाणा व झारखंड) के चुनाव लोकसभा चुनावों के बाद छह माह के भीतर होने हैं, वहां पर पार्टी पहले चुनाव करा सकती है। ताकि लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बनने वाले माहौल का लाभ लिया जा सके। गौरतलब है कि इस साल तेलंगाना में भी टीआरएस सरकार ने छह माह पहले ही चुनाव करा लिए हैं। तेलंगाना की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल जून 2019 तक है।
तीनों राज्यों का नया नेतृत्व भी वजह
सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र, हरियाणा व झारखंड में भाजपा नेतृत्व नया है और तीनों ही मुख्यमंत्री पहली बार बने हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ पिछले विधानसभा चुनाव में ही गठबंधन टूट चुका था। हालांकि बाद में शिवसेना सरकार में शामिल हो गई है। इस बार शिवसेना ने पहले से ही अलग लड़ने की घोषणा कर रखी है। ऐसे में लोकसभा के साथ चुनाव होने पर ज्यादा लाभ होगा। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुंगटीवार ने हाल में कहा है कि अगर राज्य के चुनाव लोकसभा के साथ होते हैं, तो पार्टी पूरी तरह से तैयार है। भाजपा पहले से ही एक साथ चुनावों की पक्षधर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मोनहरलाल खट्टर भी कह चुके हैं कि राजनीतिक दल के नाते भाजपा हमेशा चुनाव के लिए तैयार हैं। लेकिन चुनाव कब कराने हैं यह फैसला चुनाव आयोग करेगा।
एक देश एक चुनाव को मिलेगा बल
भाजपा व सरकार के स्तर पर लगातार यह मुहिम चलती रही है कि देश में लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं। हालांकि, इस पर अभी तक सभी दलों में सहमति नहीं बन सकी है। साथ ही इसमें कुछ संवैधानिक पहलू भी आड़े आ रहे हैं। इसके चलते इसमें समय लग सकता है। सूत्रों के अनुसार भाजपा इन राज्यों के चुनाव पहले कराकर आगे के लिए यह संदेश दे सकती हैं कि सभी चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।
लोकसभा के साथ हो सकते हैं भाजपा शासित तीन राज्यों के चुनाव

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