पर्वत पाटिया (सूरत)। आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या समणी निर्देशिका डॉ समणी तिप्रज्ञाजी, समणी मानसप्रज्ञाजी की प्रेरणा एवं सानिध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, पर्वत पाटिया द्वारा 30.8.21,सोमवार को प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया।
प्रतिभागियों को आसन,प्राणायाम स्थानीय प्रेक्षाप्रशिक्षिक श्री प्रवीण ओस्तवाल ने करवाए। प्रेक्षागीत का संगान श्री ज्ञानचंदजी कोठारी ने किया। स्वागत वक्तव्य सभा अध्यक्ष श्री कमलजी पुगलिया ने किया। प्रेक्षा प्रशिक्षक श्री गौतमजी गादिया ने प्रेक्षाध्यान के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। समणी डॉ ज्योतिप्रज्ञाजी ने फरमाया” नियमित प्रेक्षाध्यान से व्यक्ति आधि, व्याधि, उपाधि से बच सकता है। सभी को इसका नियमित अभ्यास करना चाहिए”। प्रेक्षाप्रशिक्षिका श्रीमती रेणु नाहटा ने समय प्रबंधन ओर प्रेक्षाध्यान श्रीमती रंजनाजी भोलावत ने मुद्राविज्ञान एवं मंत्रसाधना, श्रीमती रेणु बैद ने कायोत्सर्ग एव अवचेतन मन से संपर्क विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। श्रीमती श्वेता रामपुरिया ने यौगिक क्रियाए एव ध्यान के प्रयोग करवाए।
कार्यशाला में भाग ले रहे श्री वरुण तिवारी ने अपने अनुभव बताए।जिज्ञासा समाधान प्रेक्षा प्रशिक्षिक श्री मनोजजी सुराणा ने किया। कार्यशाला के संयोजक के रूप में श्री कांतिलाल वढ़ेरा ने एवं कार्यशाला के सफल संचालन में सभा मंत्री श्री भगवतीलाल परमार,सहमंत्री श्री अनिल चौधरी, श्री प्रदीप पुगलिया तेयुप से उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पुगलिया, सहमंत्री प्रथम श्री विनय जैन एवं पंकज बुच्चा ने अपने श्रम का नियोजन किया। श्रीमान ज्ञानचंदजी कोठारी कार्यक्रम के प्रायोजक रहे। 7 साल के बच्चे से 70 साल तक के 45 प्रतिभागियों कार्यशाला में भाग लिया।
प्रशिक्षण देने पधारे सभी प्रेक्षा प्रशिक्षिको एवं नए बने प्रशिक्षिक श्रीमती रंजना पुगलिया, सुश्री नीलम जैन, श्री प्रवीण ओस्तवाल का सभा द्वारा सम्मान किया गया। आभार ज्ञापन सभासहमंत्री श्री अनिल चौधरी ने किया। समणीजी के मंगलपाठ से शिविर का समापन हुआ।
पर्वत पाटिया में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन
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