जैन संस्कार विधि कार्यशाला
धुलिया। समतामूर्ति आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री निर्वाणश्री जी के पावन सान्निध्य में सामायिक कार्यशाला सफलतापूर्वक परिसंपन्न हुई। अभातेयुप के तत्वावधान में इस कार्यशाला का आयोजन तेयुप धुलिया द्वारा किया गया है।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि कर्मठ युवक प्रमोदजी छाजेड़ प्रभारी धुलिया परिषद थे। उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने कहा– पावस का समय अब पूर्वता की और जा रहा है। और उपलब्धियों का घट भी भरता जा रहा है। इसी क्रम में आज धुलिया तेयुप ने एक साथ दो कार्यशाला समायोजित की है। वे दोनों ही मूल्यवान है।
साध्वीश्री ने कहा – सामायिक जैन श्रावक की मूल पूंजी है। प्रायः प्रत्येक घरों में प्रतिदिन सामायिक की परम्परा थी। पूज्य गुरुदेव तुलसी आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी एवं आचार्य श्री महाश्रमणजी के शासन में यह सामायिक अभियान सतत प्रवर्धमान है। पूज्य गुरुदेव ने शनिवार सायंकाल 7.00 से 8.00 की सामायिक मानो हर तेरापंथी श्रावक को उपहार में दी है। यह सपाप प्रवृत्तियों से विरत होने का श्रेष्ठ उपाय है।
साध्वीश्री डॉ योगक्षेमप्रभाजी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा सावद्य प्रवृत्तियों के प्रत्याख्यान का नाम है सामायिक है। यह एक आत्मजागृति का अभियान है। स्वयं से स्वयं को संधान है। हलचल एवं विषमता के जगत से स्थिरता एवं समता की दिशा में प्रस्थान है। कार्यशाला के मुख्य अतिथि कर्मठ कार्यकर्ता प्रमोदजी छाजेड़ ने अपने वक्तव्य में कहा– मेरा यह सौभाग्य है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे धुलिया जैसी परिषद दी । सामायिक अनुष्ठान में भाई विमल जी ने 21,000 युवकों को जोड़ने का जो संकल्प लिया था। उसकी और चरणन्यास है। श्रेष्ठ कार्यकर्ता व संस्कारक श्री सुशील बाफना ने कहा –विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी की महती अनुकंपा से मैं सदैव विधि -पर अनेक बृहत् आयोजन हुए हैं। आज धुलिया वासी साधुवाद के पात्र हैं। जिन्होंने ऐसी कार्यशाला आयोजित की। कार्यक्रम का शुभारंभ भक्तामर स्तोत्र के सस्वर पाठ से हुआ। जिसे साध्वीश्री मुदितप्रभाजी ने प्रस्तुति दी। साध्वीश्री लावण्यप्रभाजी ने ” करलो एक सामायिक ” गीत की मधुर स्वर लहरी प्रस्तुत की तेयुप अध्यक्ष दिनेश सूर्या ने समागत अतिथि द्वय का स्वागत करते हुए अपने आंतरिक उल्लास की अभिव्यक्ति दी। धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यशाला के विशेष अतिथि व संस्कार सुशील जी बाफना ने जैन विधि की प्रायोगिक विधि का डेमो-स्ट्रेशन किया। जिसे सबने बहुत ही सराहा । कार्यशाला का सफल संचालन साध्वीश्री डा.योगक्षेमप्रभाजी ने किया। इस मौके पर”में हूं सामायिक साधक ” संकल्प के फार्म अध्यक्ष दिनेश सूर्या ने परिषद प्रभारी को भेंट किए । अभातेयुप की और से संकल्प कर्ताओं को सामायिक कीट उपकृत की गई।
धुलिया में सामायिक कार्यशाला का शानदार आयोजन
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