नैरोबी: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर केन्या के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने एक मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में दोनों देशों के बीच एक व्यापक साझेदारी पर चर्चा की। इसके पूर्व रविवार को विदेश मंत्री ने केन्या में भारतीय समुदाय के साथ ऑनलाइन संवाद किया। बता दें कि पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या के साथ भारत के संबंधों को मजबूत बनाने की खातिर भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर यहां तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को पहुंचे थे। इसके पूर्व वह कुवैत के दौरे पर गए थे। कुवैत में उन्होंने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
इसके पूर्व केन्या में भारतीय उच्चायोगने रविवार रात को ट्वीट करके बताया कि कि विदेश मंत्री एस जयशंकर केन्या के आधिकारिक दौरे पर आए हुए हैं। जयशंकर केन्या की विदेश मंत्री के साथ भारत-केन्या संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। संयुक्त आयोग की पिछली बैठक मार्च 2019 को नई दिल्ली में आयोजित हुई थी। उन्होंने 13 जून को केन्या में भारतीय समुदाय के विभिन्न वर्गों के साथ ऑनलाइन बातचीत की। इसमें बताया गया कि बैठक का संयोजन केन्या में भारत के उच्चायुक्त डॉ. वीरेंद्र पॉल ने किया। बता दें कि केन्या में भारतीय मूल के करीब 80,000 लोग हैं। इनमें से करीब 20,000 भारतीय नागरिक हैं।
इसके पूर्व शनिवार को विदेश मंत्री जयशंकर और उनकी केन्याई समकक्ष रशैल ओमामो ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर वार्ता की। दोनों देशों के संबंधों को आगे ले जाने का काम एक संयुक्त आयोग करेगा। वार्ता के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दोनों सदस्यों के लिए उपयुक्त क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई।
नैरोबी में पहला उच्चायोग भारत ने खोला
- गौरतलब है कि वर्तमान में भारत और केन्या सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं और वे राष्ट्रमंडल के भी सदस्य हैं। केन्या अफ्रीकी संघ का सक्रिय सदस्य है। इसका भारत के साथ लंबे समय से संबंध रहे हैं।
- केन्या आज यूनाइटेड नेशंस, नॉन-अलाइंड मूवमेंट, कॉमनवेल्थ नेशंस, जी-77 और जी-15 जैसे संगठनों में शामिल हैं। भारत, केन्या के लिए छठां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है और सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
- केन्या में ब्रिटिश शासन काल में भारत से मजदूरों को लाकर बसाया गया था। अंग्रेज इन मजदूरों को उगांडा रेलवे के निर्माण के लिए लाए थे। भारत की आजादी से पहले पूर्वी अफ्रीकी भारतीय कांग्रेस के मोम्बासा सत्र की अध्यक्षता सरोजनी नायडू ने की थी।
- वर्ष 1963 में जब केन्या को आजादी मिली तो भारत सरकार ने नैरोबी में पहला उच्चायोग खोला था। नैरोबी में खुले हाई कमीशन के बाद दोनों देशों के रिश्ते प्रगाढ़ हुए हैं।