नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने आदेश दिया है कि 100 के के-9 वज्र होवित्जर तोपों की खरीद का आदेश दिया गया है। इनमें से तीन होवित्जर तोपें लद्दाख के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाके में परीक्षण के तौर पर तैनात की गई हैं।
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने को बताया कि तीन तोपें बुधवार क लेह पहुंचीं और उनका परीक्षण किया जा रहा है। अगर इन तोपों का इस्तेमाल दुश्मन के खिलाफ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जा सकता है, तो उन्हें ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात किया सकता है। सूत्रों ने कहा कि तोपों के प्रदर्शन के आधार पर भारतीय सेना स्व चालित होवित्जर को दो से तीन अतिरिक्त रेजिमेंटों को पहाड़ों पर संचालन के लिए आदेश देने पर विचार करेगी। सेना प्रमुख गुजरात में सूरत के हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो में निर्मित होवित्जर के उत्पादन और संचालन की निगरानी कर रहे हैं।
भारतीय सेना ने दक्षिण कोरियाई फर्म से 100 तोपों का ऑर्डर दिया है। उन्हें पिछले दो वर्षों से सेना की विभिन्न रेजीमेंटों में शामिल किया जा रहा है। K-9 व्रज दक्षिण कोरिया का मूल K9 थंडर का स्वदेशी संस्करण है। इस स्व-चालित बंदूकों की रेंज 38 किलोमीटर है। इसे दक्षिण कोरियाई फर्म की साझेदारी में मुंबई स्थित फर्म लार्सन एंड टुब्रो द्वारा निर्मित किया गया है। बोफोर्स घोटाले के बाद देश में भारतीय सेना ने 1986 से कोई नया भारी तोपखाने शामिल नहीं किया है।
धनुष और एम 777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर के अलावा के 9 वज्र के उत्पादन के साथ भारतीय सेना खुद के आविष्कारक से नई प्रेरणा ग्रहण कर कर रही है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई उन्नत तोपखाने गन सिस्टम (ATAGS) से तकनीक रूप से लैस की गई भारत में बने अगले होवित्जर को बड़ी संख्या में शामिल किए जाने की संभावना है।