नई दिल्ली:दिल्ली की एक अदालत ने जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का संज्ञान लेते हुए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के प्रमुख मुहम्मद हाफिज सईद, कश्मीरी व्यापारी जहूर अहमद शाह वटाली, अलगाववादी अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंटूश और यूएई नवल किशोर कपूर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
अदालत ने वटाली की कंपनी मेसर्स ट्रिसन फार्म और कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है। बता दें कि हाफिज सईद, जो कि 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड भी है और पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि वटाली हाफिज सईद के साथ-साथ आईएसआई और नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग से पैसा प्राप्त कर रहा था।
राणा के अनुसार नवल किशोर कपूर जो कि दुबई में अज्ञात स्रोतों से जुटाकर वैतली और उसकी कंपनी ट्रिसन फार्म्स एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दिया। एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग जांच एजेंसी ने 2018 में एनआईए चार्जशीट के आधार पर सईद और अन्य के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत एक चांज शुरू की थी। पहले सी ही वटाली से संबंधित लगभग 8 करोड़ की संपत्ति अटैच है।
2018 में अपनी चार्जशीट में एनआईए ने दावा किया था कि पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री (बिना किसी का नाम लिए) ने वटाली को एक पत्र लिखा था, जो कि छापे के दौरान उसके निवास से बरामद किया गया था। इतना ही नहीं, एनआईए ने छापे वाली जगह से आईएसआई अधिकारियों की एक सूची भी बरामद की थी। एनआईए ने कहा है कि दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों के विश्लेषण से पता चलता है कि हुर्रियत के नेताओं, आतंकवादियों और पत्थरबाजों ने आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया और राज्य में अलगाववादी गतिविधों को सक्रिय समर्थन के साथ सुव्यवस्थित आपराधिक साजिश के तहत हिंसा, पथराव जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया।