मुंबई। अभातेयूप के तत्वावधान में महाराष्ट्र राज्य प्रभारी कमलेश भंसाली के नेतृत्व में दादर तेयूप ने घाटकोपर तेरापंथ युवक परिषद के सहयोग से मुंबई स्तरीय नेत्र दान कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन घाटकोपर में हुआ। मुख्य वक्ता सिद्धेश वोरा जो नेत्र दान के सामाजिक कार्य से कई वर्षो से जुड़े हुए है ने नेत्र दान के बारे में जानकारी दी एवं नेत्र दान से सम्बंधित भ्रांतिओ को दूर किया। मरणोपरांत आँख 6 से 8 घंटे तक ही डोनेट की जा सकती है। मृत्यु के पश्चात पारिवारिक मनो स्तिथि शोक में होती है और उस समय में परिवार वालो की सहमति लेना एवं नेत्र दान का काम करवाना मानवता के लिए बहुत बड़ी बात है। आपने नेत्र दान के किट के द्वारा किस प्रकार नेत्रों का दान लिया जाता है उसके बारे में प्रायोगिक रूप से जानकारी दी।
हमारे बीच में मुख्य अतिथि वर्षा वेद जो स्वयं दूसरो के नेत्र दान के कारण ही दुनिया देख सकती है ने कहा की नेत्र दान देने वाला ना सिर्फ़ जिसके आँख नहीं है उसकी पर साथ ही पूरे परिवार की मदद करता है। कमलेश भंसाली ने कार्यक्रम के संचालन के साथ अपने वक्तव्य में कहा की मरणोपरांत नेत्र जलने से अच्छा है की वो किसी के जीवन को ज्योति देने वाली बने। हमारा समाज रक्त दान में तो आगे है ही तथा समाज में नेत्र दान के लिए भी जागरूकता आए। स्वागत संजय सोनी ने एवं आभार राजेश धाकर ने किया। कार्यक्रम में मुंबई से 17 तेयूप परिषदों ने भाग लिया एवं इसका ABTYP के facebook पेज पर भी सीधा प्रसारण था। प्रोग्राम को सफल करने में अमित जैन, रजत मारू, संजय सोनी, राजेश धाकड़, मनीष मेहता, पंकज चौपड़ा आदि का सहयोग रहा।
घाटकोपर में नेत्र दान कार्यशाला का आयोजन
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