वाशिंगटन:अमेरिका में ट्रंप समर्थकों की 17 जनवरी को सशस्त्र आंदोलन की धमकी और वाशिंगटन डीसी में मार्च निकालने की धमकी के बीच अमेरिका के सभी 50 राज्यों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व कोलंबिया डीसी समेत सभी राज्यों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 6 जनवरी को हुए दंगे के मद्देनजर देशभर से नेशनल गार्ड की टुकड़ियां वाशिंगटन रवाना की गई हैं। कोलंबिया डीसी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गौरतलब है कि 20 जनवरी को यहीं पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपित जो बाइडन का शपथ ग्रहण समारोह होना है।
शपथ समारोह को घरों से ही देखने की अपील
अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी एफबीआइ ने सभी 50 राज्यों की राजधानियों में ट्रंप समर्थकों एवं प्रदर्शनकारियों द्वारा संभावित सशस्त्र मार्च की चेतावनी दी है। ऐहतियात के तौर पर डीसी में नेशनल मॉल को बंद कर दिया गया है। सुरक्षा के पोख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच राजधानी की सड़कों पर बैरिकेडिंग की जा रही है। उधर, बाइडन की टीम ने पहले ही कोरोना महामरी के कारण नागरिकों को राजधानी की यात्रा से बचने का आग्रह किया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने लोगों को इस समारोह को अपने घरों से ही देखने की अपील की है।
हजारों ट्रंप समर्थकों ने संसद पर धावा बोला
दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र कहे जाने वाले अमेरिका में सत्ता के लिए पहली बार ऐसा कुछ हुआ, जिसे दुनिया ने देखा। गत तीन नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए 6 जनवरी को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया था। इस बैठक में बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की औपचारिकता पूरी की गई।
इसी दौरान हजारों ट्रंप समर्थकों ने संसद पर धावा बोल दिया और सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर सैकड़ों परिसर में घुस गए। परिसर में जमकर तोड़फोड़ की और गोलियां चलाई। इस अभूतपूर्व हिंसा के चलते संसद परिसर में भगदड़ मच गई और सांसद जान बचाने के लिए इधर-उधर छुप गए। पुलिस के साथ हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और 14 पुलिस अधिकारियों समेत कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार किया है। संसद परिसर करीब चार घंटे तक ट्रंप समर्थकों के कब्जे में रहा।