वॉशिंगटन:वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, सबसे पहले ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अब तक 50 देशों में पहुंच चुका है। वहीं, साउथ अफ्रीका में मिले दूसरे वैरिएंट की 20 देशों में पुष्टि हो चुकी है। ऑर्गेनाइजेशन ने जापान में मिले तीसरे वैरिएंट पर भी चिंता जताते हुए कहा है कि यह इम्यून रिस्पॉन्स पर असर डाल सकता है। इसकी और जांच की जरूरत है।
WHO ने कहा कि कोरोना वायरस जितना ज्यादा फैलता है, उसके उतने ही बदलने के चांस होते हैं। बड़े पैमाने पर इसके फैलने का मतलब है कि इसके और वैरिएंट सामने आ सकते हैं। यही वायरस कोरोना का कारण बनता है। ब्रिटेन में पहली बार 14 दिसंबर को नए स्ट्रेन का केस सामने आया था। इसे VOC 202012/01 नाम दिया गया है।
इसके टेस्ट रिजल्ट से पता चला कि यह हर उम्र और लिंग के लोगों पर एक जैसा फैलता है। हालांकि, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से सामने आया कि इसके फैलने की दर सामान्य वायरस से ज्यादा है। वहीं, पहली बार 18 दिसंबर को साउथ अफ्रीका में मिला 501Y.V2 वैरिएंट अब 20 देशों में पाया गया है।
‘दोनों वैरिएंट को कम करके आंका गया’
WHO की वीकली रिपोर्ट में कहा गया है कि साउथ अफ्रीका में चल रही शुरुआती जांच से यह मुमकिन है कि 501Y.V2 वैरिएंट पहले वाले के मुकाबले ज्यादा फैलने वाला हो। इसके अलावा, यह नया वैरिएंट ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता है। हालांकि नए केस की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण हेल्थ सिस्टम पर दबाव बढ़ जाता है। WHO ने कहा कि दोनों वैरिएंट के दुनिया में फैलाव को कम करके आंका गया है।
दुनिया में नौ करोड़ 21 लाख मरीज
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 9.21 करोड़ के ज्यादा हो गया। 6 करोड़ 80 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 19 लाख 73 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं। CNN ने जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के हवाले से बताया है कि अमेरिका में मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।
श्रीलंका में नए वैरिएंट का पहला केस मिला
कोरोना का नया स्ट्रेन श्रीलंका भी पहुंच गया है। यहां एक ब्रिटिश नागरिक में इसकी पुष्टि हुई है। हेल्थ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि संक्रमित मरीज एक या दो सप्ताह पहले देश में आया था। आगे की जांच चल रही है। श्रीलंका में अब तक कोरोना वायरस के 49 हजार से ज्यादा केस का पता चला है। 244 मरीजों की मौत हो चुकी है।
US जाने वालों को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी
अमेरिका ने देश में आने वाले लोगों के लिए यह बताना जरूरी कर दिया है कि उन्हें कोरोना नहीं है। 26 जनवरी से यह सिस्टम काम करने लगेगा। अमेरिका में कोरोनो के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही उसे नए स्ट्रेन का डर भी सता रहा है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, अमेरिका में आने वाले हर शख्स को कोरोना नेगेटिव होने का पेपर या इलेक्ट्रोनिक प्रूफ दिखाना होगा। यह रिपोर्ट तीन दिन से ज्यादा पुरानी नहीं होना चाहिए। यह ऑर्डर CDC के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड ने मंगलवार को जारी की है।
अमेरिका में वैक्सीनेशन ड्राइव के बावजूद संक्रमण ही नहीं मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। मंगलवार को यहां करीब चार हजार लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी CNN ने जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के हवाले से दी है।
अमेरिका में अब तक कुल मिलाकर 3.89 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को दो लाख 22 हजार के करीब नए मामले भी सामने आए। अमेरिका में अब तक करीब 9 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।