- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस पर भारत सरकार द्वारा मानवीय सेवाओं हेतु सामाजिक एवं राष्ट्रीय सहयोग के लिए जयतुलसी फाउंडेशन का सम्मान 18 को
नई दिल्ली। जैन तेरापंथ समाज अपने परम प्रतापी कालजयी आचार्यों विशेषकर गुरुदेव श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी एवं वर्तमान अनुशास्ता परम् श्रदेय आचार्य श्री महाश्रमणजी की आध्यात्मिक प्रेरणा से परमार्थ के कार्यों में सदैव अग्रणी रहा है। जैन तेरापंथ समाज की लोककल्याणकारी संस्था जय तुलसी फाउण्डेशन का उद्भव ही समाज के सम्पोषण, संवर्धन और उन्नयन करने के लिए हुआ था। सेवा को समर्पित यह संस्था विगत 24 वर्षों से विभिन्न लोककल्याणकारी प्रवृत्तियों का संचालन कर रही है।
राष्ट्रीय आपदा की घड़ी में जैन तेरापंथ समाज की परोपकारी संस्था जय तुलसी फाउण्डेशन ने “परस्परोपग्रहो जीवानाम्” सूत्र के आधार पर अपने सामाजिक व राष्ट्रीय दायित्वों को समझते हुए सम्पूर्ण जैन तेरापंथ समाज को विभिन्न माध्यमों से प्रेरणा देते हुए वैश्विक महामारी के निवारण हेतु प्रधानमंत्री कोष में योगभूत बनने हेतु आह्वान किया था, जिससे प्रेरित होकर समाज के उदारमना सहयोगियों ने मुक्तहस्त से PM Cares Fund में अपना आर्थिक योगदान संस्था के माध्यम से प्रेषित किया था l
तेरापंथ समाज परम् पूज्यवरों की सद्प्रेरणा से दैनिक परमार्थ के कार्यों के अतिरिक्त विशेषकर जरुरत के समय सामाजिक, राष्ट्रीय व वैश्विक आपदा से उत्पन्न संकट की घड़ी में मानवता के योगक्षेम हेतु जो आसाधारण एतिहातिक कदम उठाए हैं वे इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में अंकित किए जाएंगे और युगों-युगों तक जन-जन के मानस पटल पर अंकित रहेंगे। जय तुलसी फाउण्डेशन ने अपने नैतिक एवं राष्ट्रीय दायित्वों को समझते हुए मानवीय करुणा के प्रकल्पों में पहल करते हुए सदैव सहयोग का हाथ बढ़ाया है।
चाहे व 2001 का कच्छ (गुजरात) का विनाशकारी भूकम्प हो अथवा 2004 में सुनामी की लहरों से आक्रान्त मानवता हो या 2008 की बिहार की प्रलयकारी बाढ़ हो या कोलकाता महानगर के व्यस्ततम नन्दराम मार्केट की आगजनी हो अथवा 2018 में केरल की महाविनाशकारी बाढ़ का प्रकोप हो – हर अवसर पर जय तुलसी फाउण्डेशन परिवार ने इन प्राकृतिक आपदाओं में अपने दायित्वों को समझते हुए त्रस्त मानवता की त्वरित सहायता की है। कोरोना महामारी के इस संकटकाल में भी जय तुलसी फाउण्डेशन परिवार ने राष्ट्रीय योगदान के साथ साथ देश के विभिन्न शहरों एवं कस्बों में प्रवासित जैन तेरापंथ समाज के लगभग 1350 परिवारों को उनकी आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहयोग राशि प्रेषित की थी।
स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न महानगरों, शहरों एवं कस्बों में भी अपेक्षित जन-मानस की सेवा में हमारी तेरापंथी सभाऐं, महिला मंडल, युवक परिषद, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम व अन्य संघीय संस्थाओं के माध्यम से तथा व्यक्तिगत स्तर पर श्रावक समाज ने मास्क, सेनिटाईजर, राशन एवं खाद्य सामग्री आदि का व्यापक स्तर पर प्रतिदिन वितरण कर अभावग्रस्त परिवारों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने का विनम्र प्रयास किया है।
भविष्य में भी आचार्य श्री महाश्रमणजी के आशीर्वाद से जैन तेरापंथ समाज की परोपकार को समर्पित संस्था जय तुलसी फाउण्डेशन परिवार पुनीत भावना के साथ मानवता की सेवा हेतु संकल्पित है। हमारा समाज, हमारा महान राष्ट्र हमारे गुरुजनों के,विशेषकर वर्तमान में परम् पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन, दृढ़ संकल्पित, सबल, सक्षम व कुशल नेतृत्व में सुख, समृद्धि, विकास एवं प्रगति के नव शिखरों पर आरोहण करता रहेगा, ऐसा हमारा दृढ़ विश्वास है और सभी देशवासी अपने जीवन को उन्नत, सुखी व समृद्ध बना पाऐंगे। यह सम्मान मानवता को समर्पित है।
- कमल दुगड़ ,कोलकाता