नई दिल्ली:उत्तरी नगर निगम में करीब 2500 करोड़ रूपये के घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी का भाजपा पर चौतरफा हमला जारी है। दिल्ली सरकार के पहले जांच के आदेश, फिर एलजी व केंद्रीय गृहमंत्री का घेराव अब इस घोटाले पर चर्चा करने के लिए दिल्ली विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है। सरकार का कहना है कि घोटाले की जांच होनी चाहिए।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को ट्वीट तरके विशेष सत्र बुलाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तरी निगम में हुए 2500 करोड़ रूपये के घोटाले को लेकर गुरूवार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। सत्र में इतने बड़े घोटाले को लेकर चर्चा की जाएगी। उधर पार्टी का लगातार इसपर हमला जारी है। पार्टी का कहना है कि भाजपा शासित निगम में इस घोटाले में जो लोग भी शामिल उनके सबके खिलाफ कड़ी कार्रवई होनी चाहिए।
निगम घोटाले के आरोपों की सीबीआई जांच हो: रामवीर सिंह बिधूड़ी
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगमों पर लगाए गए 2400 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपों को खारिज कर दिया है। रामवीर बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी है कि वे इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे और यदि जांच में नगर निगमों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई जाती है तो अपने पद से इस्तीफा दें।
बिधूड़ी ने इस मुद्दे पर आगामी 17 दिसंबर को दिल्ली विधानसभा का विशेष एकदिवसीय सत्र बुलाये जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि दरअसल दिल्ली जल बोर्ड में 25000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और विधानसभा में भाजपा विधायक दल इस मुद्दे को जोर शोर से उठाएगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो दिल्ली में हालात बेकाबू हो सकते थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को अपनी इस नाकामी पर जवाब देना होगा।
नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी ने कहा कि निजी बिजली कम्पनियों में सांठगांठ के कारण फिक्स्ड चार्ज के नाम पर दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है। दूसरी ओर सर्दी के इस मौसम में भी दिल्ली में पेयजल संकट बना हुआ है। दिल्ली के कई हिस्सों में गंदे पानी की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली को सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी करार दिया है रहा है। दूसरी ओर दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।