महीनों तक सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के बाद लोग सामाजिक तौर पर एक-दूसरे जुड़े रहने के लिए तकनीक पर पूरी तरह से निर्भर हो गए हैं। लोग दूसरों से जुड़े रहने के लिए ज्यादातर संदेश या ईमेल भेजने को ही सही तरीका समझते हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में किए गए एक शोध में पता चला है कि संदेश की जगह फोन कॉल करने से एक-दूसरे से भावनात्मक संबंध मजबूत होते हैं।
शोधकर्ता अमित कुमार ने कहा, इस शोध में हमने पाया कि लोग संदेश टाइप करने का विकल्प ज्यादा चुनते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि फोन पर बात करना अजीब स्थिति पैदा कर सकता है। लोग आवाज-आधारित मीडिया के माध्यम से बहुत अधिक जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, लेकिन उनके मन में बात करने को लेकर एक अजीब डर है जो उन्हें टेक्स्ट-आधारित मीडिया की ओर धकेल रहा है। यह शोध जर्नल ऑफ एक्सपेरीमेंटल साइकोलॉजी में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है।
ऐसे किया गया अध्ययन-
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने 200 लोगों से पूछा कि एक पुराने दोस्त से मेल के जरिए या फोन के जरिए जुड़ने के बारे में सोचकर उन्हें कैसा लगता है। शोधकर्ताओं ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा। हालांकि, प्रतिभागियों ने संकेत दिया कि एक फोन कॉल उन्हें अधिक जुड़ा हुआ महसूस कराएगा, फिर भी उन्होंने कहा कि वे ईमेल करना पसंद करेंगे क्योंकि उन्हें लगा कि कॉलिंग बहुत अजीब परिस्थिति में डाल देगा।
शोधकर्ताओं ने पाया कि फोन कॉल से ज्यादा बेहतर परिणाम देखने को मिले। कुमार ने कहा, जब असल अनुभव के बारे में प्रतिभागियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुराने दोस्त को फोन करने से उन दोनों के बीच रिश्ते मजबूत हुए और भावनात्मकता भी बढ़ी। फोन पर बात कर उन्हें अजीब महसूस नहीं हुआ।
दूसरे अध्ययन में प्रतिभागियों को अजनबियों से संदेश, ऑडियो कॉल और वीडियो कॉल के जरिए जुड़ने को कहा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि लोगों ने अजनबियों से भी संदेश भेजने की जगह बात करने के दौरान ज्यादा जुड़ाव महसूस किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह शोध लोगों की संवाद करने की सोच को चुनौती देता है। कुमार ने कहा, हमें सामाजिक दूरी का पालन करने को कहा जा रहा है, लेकिन हमें अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने सामाजिक रिश्तों को भी बनाए रखना होगा।