नई दिल्ली:वर्तमान में कांग्रेस सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री शशि थरूर ने कहा है कि जब एम एस धोनी और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज क्रिकेटरों ने शुरुआत में डिसीजन रिव्यू सिस्टम(डीआरएस) का विरोध किया था तो उन्हें काफी निराशा हुई थी। उन्होंने कहा कि मैं टेक्नॉलॉजी का बहुत बड़ा फैन हूं। शुरुआत से ही मैं डीआरएस को सपोर्ट करता आया हूं। जब धोनी और सचिन ने इसके लिए मना किया था तो मैं काफी अपसेट हुआ था। मैं क्रिकेट देखता हूं हर बार यही लगता है कि अंपायरों को फैसले लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
‘स्पोर्ट्सकीडा’ को दिए एक इंटरव्यू में थरूर ने कहा कि जब बीसीसीआई ने आखिरकर 2016 में भारत-इंग्लैंड सीरीज के दौरान इसको इस्तेमाल करने की परमिशन दी तो मुझे राहत सी मिली। उन्होंने कहा कि डीआरएस एक बहुत बड़ा इनोवेशन है। मैं बिना डीआरएस के इंटरेशनल क्रिकेट दोबारा नहीं देखना चाहता। डीआरएस की वजह से कई सारे गलत फैसलों को सही करने में मदद मिलती है और फैंस को भी ये उत्साहित करता है।
उन्होंने आगे कहा कि ये किसी कहानी में एक अतिरिक्त रोमांच पैदा करता है। जहां तक मेरा सवाल है तो ये काफी अच्छी तकनीक है। बता दें कि भारत डीआरएस को इस्तेमाल करने वाले शुरुआती देशों में था। श्रीलंका के खिलाफ 2008 में इसका इस्तेमाल किया गया था। लेकिन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इसके हक में नजर नहीं आए। वह इस तकनीक में कई खामियां मानते थे। लेकिन पिछले चार-पांच सालों में जाकर ही भारतीय टीम ने इसे पूरी तरह अपनाना शुरू किया।