मुंबई:महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य में मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करते हुए सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। गुरुवार को उद्धव को लिखे एक पत्र में राज ठाकरे ने कहा है कि अगर सरकार लोगों की मंशा की उपेक्षा करती है तो मनसे अपने तरीके से मंदिरों को जबरन खोलेंगी। बता दें कि राज्य में पिछले 6 महीने से सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। राज ने यह भी कहा कि जब मॉल खोलने की अनुमति है तो मंदिर खोलने का विरोध क्यों किया जा रहा है।
‘हिन्दुओं की भावना को लेकर बहरी हो चुकी है सरकार’
राज ठाकरे ने उद्धव को लिखे पत्र में कहा, “मुझे आश्चर्य है कि सरकार सोई हुई है या अचरज में है और हिंदुओं की भावनाओं के प्रति बहरी हो चुकी है।”
उन्होंने आगे कहा कि ” इस दौर में लोग भगवान से प्रार्थना करना चाहते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि सरकार को भगवान और उसके भक्तों के बीच बाधा नहीं बनना चाहिए।”
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदू, सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करेंगे। राज ने अपने पत्र में कहा, “हालांकि, अगर सरकार इस संबंध में लोगों की दलीलों को नजरअंदाज करती है, तो हमें प्रतिबंधों को दरकिनार कर पूरे राज्य में मार्च करेंगे।”
‘मॉल खोलने की मंजूरी, लेकिन मंदिर का विरोध क्यों’
राज ठाकरे ने पत्र में लिखा है कि अनलॉक 1,2, 3 की प्रक्रिया के दौरान कई नियमों में राहत दी गई है, मॉल दोबारा खोले गए हैं और 100 लोगों की पब्लिक गैदरिंग की भी इजाजत है। राज ठाकरे ने मंदिरों को खोलने के लिए प्रोटोकॉल सेट करने की सलाह देते हुए कहा, ‘इन सबके बीच भक्तों को उनके भगवान से अभी भी दूर रखा जा रहा है। मंदिरों को खोलने के लिए ऐसा विरोध क्यों है?’
कई विपक्षी दल कर रहे हैं धार्मिक स्थल खोलने की मांग
विपक्षी दलों जैसे भाजपा, वंचित बहुजन अगाड़ी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने मंदिरों और धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के लिए आंदोलन किया है। सोमवार को, प्रकाश अंबेडकर ने सोलापुर में पंढरपुर मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद अंबेडकर को कुछ समय के लिए मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी। इसी तरह बुधवार को औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हुए हिरासत में लिए गए थे, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।