मुंबई:बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई के सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट को राहत देते हुए उनके द्वारा कोरोना की लड़ाई और शिव भोजन थाली के लिए दिए जाने वाले आर्थिक सहयोग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सिद्धिविनायक ट्रस्ट की ओर से राज्य सरकार को कोरोना के लिए 5 करोड़ और शिव भोजन योजना के लिए 5 करोड़ दिए गए हैं। 200 साल में पहली बार सिद्धि विनायक मंदिर ट्रस्ट को कोरोना संक्रमण के चलते बंद कर दिया गया है।
ट्रस्ट के पैसे का इस्तेमाल सिर्फ यहां हो सकता है
हाईकोर्ट में लीला रंगा नाम के शख्स ने एक याचिका दायर कर कहा था कि ट्रस्ट के कामकाज को नियंत्रित करने वाले श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत फंड का ट्रांसफर अवैध है। लीला के वकील प्रदीप संचेती ने अदालत में कहा कि अधिनियम की धारा 18 के तहत ट्रस्ट के धन का उपयोग मंदिर के रखरखाव, प्रबंधन और प्रशासन के लिए किया जा सकता है।
वकील ने कहा- पैसे देने का प्रस्ताव सरकार की ओर से आया
इस पैसे को श्रद्धालुओं के लिए रेस्टहाउस, ट्रस्ट की संपत्तियों और शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों, अस्पतालों या डिस्पेंसरी के रखरखाव में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फंड ट्रांसफर का प्रस्ताव सरकार द्वारा आया है, ट्रस्ट द्वारा नहीं। उन्होंने मांग की कि फंड ट्रांसफर को रोकने के लिए अंतरिम आदेश दिया जाए।
अदालत ने इस आधार पर खारिज की याचिका
रंग की इस याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे की पीठ ने कहा कि कोई भी मंदिर ट्रस्ट की ओर से पेश नहीं हुआ है। इसलिए अदालत इस मामले में कोई फैसला नहीं दे सकती है। हाईकोर्ट ने सरकार के कुछ ट्रस्टियों की नियुक्ति को नए सिरे से प्रतिबंधित करने के संचेती के अनुरोध को भी खारिज कर दिया, जिनकी शर्तें इस महीने समाप्त हो रही हैं।
चार सप्ताह में राज्य सरकार से मांगा जवाब
पीठ ने राज्य सरकार और ट्रस्ट को चार सप्ताह के भीतर रंगा की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता को अपने जवाबों को फिर से दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया और मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी।
क्या है शिव भोजन थाली योजना
आपको बता दें कि ‘शिवभोजन’ थाली शिव सेना की महत्वकांक्षी योजना है, पिछले महीने ही 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन उद्धव ठाकरे ने शुरू किया था। यह योजना राज्य सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के तहत गरीबों और जरूरतमंद लोगों को रियायती दर पर मात्र 10 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस समय राज्य में शिव भोजन के कुल 126 केंद्र हैं जहां आम 10 रुपए में ही थाली उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे तक का समय भी निश्चित किया गया है।