पटना:बिहार की प्रमुख नदियों का अंदाजा लगाना कठिन होता जा रहा है। कल तक गंडक को लेकर चिंता बनी रहती थी, लेकिन अब उसके साथ कोसी भी उतरने लगी। मगर अब गंगा ने चढ़ना शुरू कर दिया। गंगा बुधवार को कहलगांव में लाल निशान को पार कर गई है। पटना में भी इसका जलस्तर 10 से 14 सेमी तक चढ़ा है, लेकिन अभी लाल निशान से नीचे है। अच्छी बात यह है कि सोन और पुनपुन दोनों नदियां काफी नीचे हैं। बावजूद अभी नौ नदियां कहीं ना कहीं लाल निशान से ऊपर बह रही है।
राज्य में गंगा का तेवर हर साल अगस्त में ही लाल होता है। दूसरी नदियों का पानी गंगा में आता है तो नदियां उतरने लगती हैं और गंगा चढ़ने लगती है। लिहाजा अब गंगा को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। कोसी और गंडक बराज पर पानी का डिस्चार्ज कम हो गया है। कोसी का डिस्चार्ज बुधवार को बराह क्षेत्र में 1.30 और बराज पर 1.64 लाख घनसेक दर्ज किया गया है। वाल्मीकिनगर बराज पर गंडक का डिस्चार्ज भी 1.44 लाख घनसेक आ गया है। कोसी बलतारा और कुरसेला में लाल निशान से ऊपर है, लेकिन गंडक रेवाघाट में 30 सेमी नीचे आ गई है। डुमरिया घट के पास अब भी यह नदी 1.03 मीटर ऊपर है। बूढ़ी गंडक रोसड़ा रेलपुल के पास लाल निशान से 3.60 मीटर ऊपर बह रही है। समस्तीपुर रेलपुल के पास लाल निशान से यह नदी 2.37 मीटर ऊपर आ गई है।
दूसरी नदियों में बागमती नदी सीतामढ़ी के कटौंझा में लाल निशान से रोज नीचे उतर रही है। वहां यह नदी 1.45 मीटर ऊपर बह रही है। दरभंगा में तीन सेमी ऊपर चढ़कर यह नदी लाल निशान से दो मीटर 30 सेमी मीटर ऊपर बह रही है। कमला नदी जयनगर में लाल निशान से फिर 59 सेमी ऊपर आ गई है। झंझारपुर में भी 1.55 मीटर ऊपर है। कई दिनों से अपनी सीमा में बह रही लालबकेया पूर्वी चम्पारण में लाल निशान से एक बार फिर 50 सेमी ऊपर आ गई है। अधवारा सीतामढ़ी में घटकर लाल निशान से 45 सेमी ऊपर बह रही है। खिरोई नदी दरभंगा में 2 मीटर से ज्यादा ऊपर है। महानंदा किशनगंज और पूर्णिया दोनों जगह नीचे आ गई है। अलबत्ता घाघरा मंगलवार को एक बार फिर सीवान में लाल निशान से 80सेमी ऊपर बहने लगी है।