नई दिल्ली:इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई को 3 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जासूसी केस में संलिप्तता में फंसे पूर्व नौसैन्य कमांडर के बचाव के लिए भारत को वकील नियुक्त करने का एक मौका दिया जाना चाहिए। यह कहते हुए कि वकील पाकिस्तान का राष्ट्रीय होना चाहिए, हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया कि वह मामले में भारतीय अधिकारियों को जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करने की अनुमति दे।
अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने मीडिया से कहा कि कोर्ट ने भारत सरकार से कहा कि वह एक वकील को रख सकती है जो पाकिस्तान में प्रैक्टिस कर रहे हों। एक सवाल के जवाब में खान ने कहा कि पाकिस्तान की लीगल टीम को मदद करने की भारतीय वकीलों को इजाजत नहीं दी गई है।
कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार और कुलभूषण जाधव को वकील की व्यवस्था करने के लिए एक और मौका दिया जाना चाहिए। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से वकील का प्रस्ताव किया जाएगा। पाकिस्तान सरकार 22 जुलाई को जाधव के कानूनी प्रतिनिधियों के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।
उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी 50 वर्षीय कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। इसके कुछ ही समय बाद भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच से पाकिस्तान द्वारा मना करने और मौत की सजा को चुनौती देने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले वर्ष जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराये जाने और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और उसे बिना देरी किये भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए। पाकिस्तान द्वारा पहली राजनयिक पहुंच गत वर्ष दो सितम्बर में प्रदान की गई थी। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को उसके सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां उन्होंने ईरान से कथित तौर पर प्रवेश किया था। वहीं भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उनके व्यापारिक हित थे।